देहरादून: उत्तराखंड राज्य की बाह्य सहायतित योजनाओं के लिए सीलिंग तय करने के मामले में आर्थिक मामलों के मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को उत्तराखंड के पक्ष में पत्र लिखा है। मंत्रालय ने उन परियोजनाओं को सीलिंग से मुक्त रखने की सिफारिश की है, जो पाइपलाइन में हैं और जिनकी सभी स्वीकृतियां हो चुकी हैं। सचिव नियोजन आर मीनाक्षी सुंदरम ने इसकी पुष्टि की है। इधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी कहा कि विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए राज्य के लिए और अधिक विकास योजनाओं की आवश्यकता है। प्रदेश सरकार की चिंता की मुख्य वजह यह है कि बाह्य सहायतित योजना के तहत 20236 करोड़ में से 11 हजार करोड़ की परियोजनाएं स्वीकृत हो चुकी हैं।
सीमा तय कर देने से खड़ी हो गई नई परेशानी
सरकार अब इन परियोजनाओं में पहली किस्त मिलने का इंतजार कर रही है। ऐसे वक्त में केंद्रीय वित्त मंत्रालय के सचिव (व्यय विभाग) ने उत्तराखंड के लिए बाह्य सहायतित योजना के तहत परियोजनाओं के लिए करीब 9900 करोड़ रुपये तक सीमा तय कर देने से नई परेशानी खड़ी हो गई है।
इस मामले को राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के आर्थिक मामलों के मंत्रालय के समक्ष उठाया। बाह्य सहायतित योजनाओं के प्रोजेक्ट इसी मंत्रालय के अनुमोदन के बाद स्वीकृत होते हैं। मंत्रालय की ओर से उत्तराखंड के पाइपलाइन वाले प्रोजेक्टों को सीलिंग की परिधि से बाहर रखने की पैरवी की गई है। प्रदेश सरकार भी केंद्रीय वित्त मंत्रालय से राहत मिलने को लेकर आशावान है।
मैंने नीति आयोग में बात रखी हैः धामी
बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य सचिवालय में मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा, मैंने नीति आयोग की बैठक में बात रखी है। प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है। उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियां विकट हैं। राज्य को विकास के लिए योजनाओं की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री जी की उत्तराखंड पर विशेष कृपा रही है। उन्होंने राज्य को कई अतिरिक्त योजनाएं दी हैं।
जल्द केंद्र से मसला उठाएंगे सीएम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जल्द पाइपलाइन वाली परियोजनाओं को सीलिंग से बाहर रखने के लिए केंद्र से मसला उठाएंगे। वह प्रधानमंत्री व केंद्रीय वित्त मंत्री से इस मसले पर मुलाकात भी कर सकते हैं। जल्द ही वह इस बारे में पत्र भी लिखेंगे।