देहरादून: भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) की पासिंग आउट परेड दस जून को होगी। इसमें 374 कैडेट पास आउट होंगे। इनमें सात मित्र देशों के 42 कैडेट भी शामिल रहेंगे। सेना प्रमुख मनोज पांडे परेड की सलामी लेंगे। परेड को देखने सेना के तमाम अधिकारी, देश-विदेश के गणमान्य लोग व कैडेट्स के परिजन दून पहुंचेंगे। अकादमी प्रबंधन परेड की तैयारियों में जुटा है। जेंटलमैन कैडेट पासिंग आउट परेड की जमकर रिहर्सल कर रहे हैं। परेड से पहले भी अकादमी में कई कार्यक्रम आयोजित होंगे। अकादमी अधिकारियों के अनुसार दो जून को ग्रेजुएशन सेरेमनी होगी, जिसमें आर्मी कैडेटकाॅलेज विंग के कैडेट्स को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की डिग्री से दीक्षित किया जाएगा। इसके बाद ये सभी कैडेट अकादमी का हिस्सा बन जाएंगे। आठ जून को अकादमी में कमांडेंट परेड व अवाॅर्ड सेरेमनी होगी, जिसमें सैन्य प्रशिक्षण के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कैडेट्स को पुरस्कृत किया जाएगा। मुख्य पासिंग आउट परेड से एक दिन पहले यानी नौ जून को अकादमी में मल्टी एक्टिविटी डिस्प्ले शो आयोजित किया जाएगा।
1932 में अस्तित्व में आया था आइएमए
बता दें कि आइएमए एक अक्टूबर 1932 को अस्तित्व में आया था। पिछले 91 वर्षों में अकादमी ने प्रशिक्षण क्षमता 40 से 1650 जैंटलमैन कैडेट तक बढ़ा दी है। अब तक 64,489 जैंटलमैन कैडेट्स अकादमी से पास आउट हुए हैं। इसमें 36 मित्र देशों के 2843 विदेशी कैडट्स भी शामिल हैं।
नहीं नजर आएगी घोड़ा-बग्घी
पासिंग आउट परेड में इस बार घोड़ा-बग्घी दिखाई नहीं देगी। अब तक निरीक्षण अधिकारी चार घोड़ों वाली बग्घी (पटियाला कोच) में परेड मैदान में पहुंचते थे। पटियाला के पूर्व महाराज ने यह बग्घी 1969 में आइएमए को भेंट की थी। इसके अलावा जयपुर के पूर्व महाराज की ओर से उपहार में दी गई जयपुर कोच, विक्टोरिया कोच व कमान्डेंट्स फ्लैग कोच भी चलन में रही हैै। लेकिन, अब रक्षा मंत्रालय के आदेश के तहत भारतीय सेना ने औपनिवेशिक प्रथाओं जैसे बग्घी, पाइप बैैंड आदि को समाप्त कर दिया है। इसलिए इस बार आइएमए पासिंग आउट परेड में घोड़ा बग्घी को शामिल नहीं करेगा।