देहरादून: भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से शनिवार को (आज) 331 युवा अफसर देश सेवा के लिए सेना की मुख्यधारा में जुड़ गए। इसके साथ ही मित्र राष्ट्रों के 42 कैडेट्स भी पास आउट हुए। पासिंग आउट परेड की सलामी इस बार सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडेय ने ली। परेड से पहले परिसर में सेना और बाहर पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। अकादमी के ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर सुबह छह बजे परेड शुरू हुई। परेड के बाद पीपिंग सेरेमनी आयोजित की गई। इसके बाद देश और विदेश के 373 कैडेट्स अफसर बनकर अपनी सेनाओं की मुख्य धारा में जुड़ गए। इनमें 331 अफसर भारतीय सेना को मिले। इनमें डायरेक्ट एंट्री वाले 55 कैडेट्स शामिल हैं। जबकि, एक्स एनडीए 204 और एक्स एससी 40 कैडेट्स पास आउट हुए। 32 कैडेट्स टीजीसी कोर्स के हैं। आईएमए की स्थापना के बाद से अब तक यहां से 64862 देशी एवं विदेशी कैडेट्स पास आउट हो चुके हैं। वहीं, आईएमए के नाम अब तक 2885 विदेशी कैडेट्स को ट्रेनिंग देने का गौरव जुड़ गया है।
इस बार चौथे नंबर पर उत्तराखंड, आबादी के लिहाज से अब भी अव्वल
इस बार भी उत्तर प्रदेश हर बार की तरह सबसे ज्यादा कैडेट्स देने वाला राज्य बना है। उत्तर प्रदेश के 63 कैडेट्स पासआउट होकर अफसर बनेंगे। जबकि, उत्तराखंड इस बार पहली बार की तुलना में दो पायदान पीछे खिसक गया है। पिछले साल जून की परेड में उत्तराखंड के कैडेट्स की संख्या 33 थी। जो इस बार घटकर 25 रह गई है। लेकिन, आबादी के लिहाज से देखें तो इस बार भी कैडेट्स देने वालों में उत्तराखंड अव्वल है। इस साल सिक्किम, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, अंडमान निकोबार से एक भी कैडेट आईएमए से पास आउट नहीं होगा। जबकि, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश, असम, चंडीगढ़, गोवा, मणिपुर, ओडिसा व पुडुचेरी से एक-एक कैडेट भारतीय सेना का हिस्सा बनेगा।
किन राज्यों से कितने
1 | उत्तर प्रदेश | 63 |
2 | बिहार | 33 |
3 | हरियाणा | 32 |
4 | महाराष्ट्र | 26 |
5 | उत्तराखंड | 25 |
6 | पंजाब | 23 |
7 | हिमाचल प्रदेश | 17 |
8 | राजस्थान | 19 |
9 | मध्य प्रदेश | 19 |
10 | दिल्ली | 12 |
11 | कर्नाटक | 11 |
12 | झारखंड | 8 |
13 | तमिलनाडु | 8 |
14 | जम्मू कश्मीर | 6 |
15 | छत्तीसगढ़ | 5 |
16 | केरल | 5 |
17 | तेलंगाना | 3 |
18 | पश्चिम बंगाल | 3 |
19 | गुजरात | 2 |
20 | नेपाल मूल (भारतीय सेना) |
युद्ध स्मारक पर दी शहीदों को श्रद्धांजलि
आईएमए स्थित युद्ध स्मारक पर शुक्रवार को शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। यहां तलवार से सलामी देते जेंटलमैन कैडेट की साढ़े सात फीट की कांस्य की प्रतिमा है। प्रतिमा के पिछले हिस्से में मेहराब बनाए गए हैं, जिन पर 898 बहादुर पूर्व सैनिकों के नाम उकेरे गए हैं। ये वे पूर्व जवान हैं, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। भारतीय सैन्य अकादमी के युद्ध स्मारक का उद्घाटन 17 नवंबर 1999 को फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ ने किया था। युद्ध स्मारक पर 331 जेंटलमैन कैडेट्स ने भारतीय सेना के अधिकारियों के रूप में नियुक्त होने से पहले भारतीय सेना की समृद्ध परंपराओं को कायम रखने और राष्ट्र का झंडा हमेशा ऊंचा रखने का संकल्प लिया।
थल सेना प्रमुख की युवा अफसरों को सलाह
थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने आईएमए स्नातकों से युद्ध के तेजी से बदलते स्वरूप से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए अपने कौशल को अपडेट करते रहने को कहा। आईएमए के स्प्रिंग टर्म कोर्स के समापन पर पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए जनरल पांडे ने कहा कि प्रौद्योगिकी के तेजी से विकास के साथ युद्ध की गतिशीलता तेजी से बदल रही है और युद्ध की जगह अधिक जटिल हो गई है। ऐसे परिदृश्य में तकनीकी कौशल, मानसिक चपलता, महत्वपूर्ण मुद्दों पर सोचना और त्वरित प्रतिक्रिया सफलता की कुंजी होगी। उन्होंने नए कमीशन अधिकारियों से उनकी योग्यता को लगातार बढ़ाने के लिए कहा।