देहरादून: पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने राज्य में कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए महकमे के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की. इस दौरान उन्होंने 7 बिंदुओं पर अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी करते हुए कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए उन सभी 7 बिंदुओं को बेहद महत्वपूर्ण बताया.
उत्तराखंड में कानून व्यवस्था को बहाल रखने के लिए पुलिस महानिदेशक ने सभी जिलों के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की. इस दौरान जहां कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े अधिकारियों से कानून व्यवस्था के संदर्भ में क्षेत्रीय स्तर पर जानकारी ली गई तो वहीं पुलिस महानिदेशक ने 7 बिंदुओं पर अधिकारियों से बात करते हुए उन्हें इन सभी मामलों में अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए.
पुलिस महानिदेशक ने राज्य भर में सत्यापन अभियान बड़े स्तर पर चलाए जाने को जरूरी बताया. इसके अलावा सत्यापन अभियान के दौरान मिलने वाली सूचनाओं को संबंधित राज्य से सत्यापित करवाकर समय से रिपोर्ट प्राप्त करने और इससे संबंधित सर्कुलर राज्यों को जारी करने के निर्देश दिए. पुलिस महानिदेशक ने राज्य भर में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के मामलों में भी अभियान को तेजी से आगे बढ़ाने और विभिन्न विभागों से इसके संदर्भ में सामंजस्य स्थापित करने की भी बात कही. इसके अलावा आगामी जी20 की बैठक के लिए भी सभी तैयारियों को पूरे करने और प्रतिनिधि मंडल की सुरक्षा से लेकर ट्रैफिक प्लान को बेहतर करने के निर्देश दिए गए हैं.
बैठक में कांवड़ मेले को लेकर भी तैयारी पूरी करने के लिए कहा गया. इसमें कांवड़ मेले के आयोजन से पहले ही सभी राज्यों से समन्वय स्थापित करते हुए इसके संदर्भ में विभिन्न विभागों के साथ जरूरी बैठकों को पूरा करने के भी निर्देश दिए गए. कानून व्यवस्था को लेकर की गई इस बैठक में सोशल मीडिया पर भड़काऊ और उकसाने वाले वीडियो पर भी खास तवज्जो दी गई. बीजेपी ने कहा कि ऐसे वीडियो अपलोड करने वाले लोगों को काउंसलिंग देने के साथ ही कानूनी कार्रवाई भी की जानी चाहिए. इसके लिए सभी जिलों के सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल को अलर्ट करने के भी निर्देश दिए गए.
कानून का उल्लंघन करने वाले किसी भी दशा में नहीं बख्शे जाने चाहिए और ऐसे चिन्हित लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने के भी निर्देश हुए हैं. बैठक में हेट स्पीच मामलों पर बात करते हुए डीजीपी ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के क्रम में ऐसे मामलों को संज्ञान में लिए जाने और मुकदमा पंजीकृत किए जाने के लिए भी कहा है.