छपरा: जिला के मिर्जापुर में रविवार की रात्रि में आई बारात बिना दुल्हन के वापस लौट गयी। हालांकि रविवार की रात्रि व सोमवार की सुबह में हाई वोल्टेज ड्रामे ने मारपीट का रूप ले लिया,लेकिन उक्त ग्राम के सरपंच व मुखिया की पहल के बाद मामला समझौता तक पहुंचा और तक जाकर मामला शांत हुआ। इसके बाद दूल्हा पक्ष के लोग वापस लौट गये। यह घटना पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस संबंध में बताया जाता है कि मिर्जापुर में शिवबालक साह की पुत्री की बरात रविवार को कोपा थानाक्षेत्र के पतीला निवासी मोतीलाल साह के यहां से आयी हुई थी।
द्वारपूजा के बाद जब जयमाला का कार्यक्रम शुरू हुआ तो उसी समय महिलाओं को दूल्हा के दिव्यांग होने का संदेह हुआ, उसके बाद कन्या निरीक्षण भी वैदिक मंत्रोच्चार के बीच संपन्न हुआ। विवाह करने के लिए जब दूल्हा मंडप में पहुंचा तो महिलाओं ने दूल्हे को बांये हाथ से दिव्यांग पाया, उसके बाद दुल्हन ने दिव्यांग दूल्हे से विवाह करने से इनकार कर दिया। वहीं, वर पक्ष पर दूल्हे को बदलने का आरोप भी लगाया।
पंचायत में हुआ समझौता
इस बात को लेकर सोमवार की सुबह घंटों देर हंगामा हुआ और अंत में मामला पुलिस तक पहुंचा। दुल्हन के स्वजन खर्च किये गये रुपये की मांग को लेकर दूल्हा पक्ष के लोगों को बैठकर रखा। बाद में पुलिस मौके पर पहुंची तब भी कोई सुनवाई नहीं हुई और मामला मारपीट तक चला गया। मारपीट में दूल्हा पक्ष के एक व्यक्ति घायल हो गये। इस दौरान दोनों पक्ष के मुखिया व सरपंच मौके पर पहुंचे व पंचायत के माध्यम से समझौता कराया गया, उसके बाद दूल्हा पक्ष के लोग बिना दुल्हन के ही बारात लेकर लौट गये।