देहरादून: द्वाराहाट विधायक का ये बयान बीती 13 जून का है जिसमे अल्मोड़ा के द्वाराहाट से कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट ने उत्तराखंड प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के खिलाफ मौर्चा खोला है और ये दावा किया है कि एक या दो दिन में बता दिया जाएगा कि उत्तराखंड का अगला प्रदेश प्रभारी कौन बनेगा. मदन बिष्ट ने कहा कि जब 2022 की चुनावी हार के बाद सीएलपी गठित की गई और प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को हटाया गया. तब नैतिकता के आधार पर प्रदेश प्रभारी को भी चेंज कर देना चाहिए था. उन्होंने कहा कि चुनावी हार का जिम्मा प्रदेश प्रभारी को अपने ऊपर लेना चाहिए था, क्योंकि टिकट बंटवारे में वह भी उतने ही हिस्सेदार थे. मदन बिष्ट ने कहा कि नाराजगी इस बात की है कि विधानसभा चुनाव हारने के बाद जब प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में परिवर्तन किया गया तो प्रदेश प्रभारी को हार की जिम्मेदारी लेते हुए पद से हट जाना चाहिए था. लेकिन प्रभारी बदलने की बात से कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अंजान हैं
करन माहरा ने ये बात साफ कर दी है की प्रभारी बदलने की उन्हे कोई जानकारी नहीं है साथ साथ उन्होने कांग्रेस प्रभारी का फ़ेवर करते हुए अपनी ही पार्टियों के उन लोगों को जो प्रभारी देवेन्द्र यादव के बदले जाने से खुश हैं, ये नसीहत भी दी है की उन्हे अपने गिरेबान मे झाँककर देखना चाहिए की उन्होने पार्टी के लिए क्या किया खिलाफ हैं पूरे मामले पर बीजेपी भी कहाँ चुप बैठने वाली थी, बीजेपी ने इसे कांग्रेस का आंतरिक मामला भी बताया है लेकिन साथ ही साथ कांग्रेस मे अंतर्कलह की भी बात कह डाली, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ने कहा की विपक्ष का काम जनता के मुद्दे उठाना होता है लेकिन कांग्रेस के लोग अपने ही मुद्दों पर आपस मे झगड़ रहे हैं जो आपसी अंतर्कलह को दर्शाता है ।
ये कोई पहली बार नहीं की कांग्रेस के नेता अपने ही प्रदेश प्रभारी के बदले जाने को लेकर इतने उतावले हों या प्रभारी बदलने के फ़ेवर मे हों प्रदेशाध्यक्ष ने साफ कर दिया की हो सकता है प्रभारी को कोई और बड़ी ज़िम्मेदारी दी जाये लेकिन प्रभारी की मुखालफत मे विधायक मदन सिंह बिष्ट से पहले प्रीतम सिंह और तिलकरज बीहड़ भी मोर्चा खोल चुके हैं और प्रभारी पर गलत टिकट देने और गलत नीतियों से प्रदेश मे पार्टी को हरवाने का आरोप लगा चुके हैं। अब देखने वाली बात ये होगी की प्रभारी कब बदलते हैं और कब प्रभारी के मुखालिफ सुकून की संस लेते हैं।