महाराजगंज: उत्तर प्रदेश के महाराजगंज के रहने वाले उमेश निषाद करीब 27 महीने से पाकिस्तान की जेल में बंद थे. सालों बाद भारत सरकार के कड़े प्रयासों की वजह से उमेश की वतन वापसी हो गई है. रोज़गार की तलाश में उमेश गुजरात गए थे , वहां वो समुद्र से मछलियां पकड़ने का काम किया करते थे. करीब दो साल पहले मछलियां पकड़ने के दौरान बोट में ख़राबी आने की वजह से बोट बहकर पाकिस्तान की सीमा में चली गई, जहां पाक नेवी के जवानों ने उमेश समेत बोट में सवार 6 मछुआरों को पकड़ लिया था.
बोट में बहते हुए पहुंचे थे पाकिस्तान
महाराजगंज ज़िला के रहने वाले उमेश गुजरात में मछलियां पकड़ने का काम करते थे. रोज़मर्रा की तरह ही वह मछली पकड़ने निकले थे, लेकिन समुद्र में अचानक उनकी बोट का पट्टा टूट गया. पट्टा टूटने की वजह से बोट बहती हुई पाकिस्तानी सीमा में पहुंच गई. पाक नेवी के जवानों ने उमेश समेत बोट में सवार 6 मछुआरों को पकड़ लिया था. तभी से सभी मछुआरों को पाकिस्तानी जेल से आज़ाद कराने की लगातार कोशिश की जा रही थी. तीन जून को पाकिस्तानी सैनिकों ने 200 मछुआरों को वाघा बार्डर पर बीएसएफ़ के हवाले कर दिया. जिसमें उमेश की भी अपने घर वापसी हुई.
भारत सरकार की वजह से हुई वापसी-
उमेश निषाद ने बताया कि सभी लोगों को पुलिस कस्टडी में ले जाकर उनसे पूछताछ की और उसके बाद मलीर जेल में भेज दिया. उमेश ने कहा कि उनको यकीन नहीं था कि कभी हम परिवार के बीच पहुंचेगें, जेल में हमेशा डर के साये में रहते थे. ना ही खाने का भरोसा था न ही जीने का. हमेशा परिवार को याद करते थे. उमेश के परिवार ने भारत सरकार के प्रयासों के लिए उनकी सराहना की, साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री को भी बधाई दी है.