देहरादूनः उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के मामलों ने लगातार सरकार की साख गिराई है, जिस पर लगाम लगाने को लेकर अब सीएम धामी सख्त नजर आ रहे हैं. सीएम धामी अब भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई करने के लिए कठोर निर्णय लेने जा रहे हैं. इसी कड़ी में सीएम धामी ने सतर्कता विभाग को आरोपी अधिकारियों और कर्मचारियों पर अभियोग चलाने की अनुमति दे दी है.
दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने सतर्कता विभाग को घूसखोरी और कदाचार के मामलों में प्रभावी नियंत्रण के लिए बेहतर ढंग से काम करने के निर्देश दिए हैं. जिसके चलते सतर्कता विभाग भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहा है.
उत्तराखंड सतर्कता विभाग भी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति को ध्यान में रख आगे बढ़ रहा है. इसी कड़ी में राजपुर रोड़ पर मौजा जाखन में गलत तरीके से जमीनों पर अवैध कब्जा मामले में बड़ी कार्रवाई की जा रही है. मामले में दो आरोपियों सेवानिवृत्त कुशाल सिंह राणा और राजेंद्र डबराल के खिलाफ सुसंगत धाराओं में अभियोजन चलाने की अनुमति दी गई है.
इसके अलावा जमीन की सही रिपोर्ट लगाने के लिए रिश्वत मांगने के मामले में आरोपी महिपाल सिंह (लेखपाल लक्सर) के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत अभियोजन चलाने को कहा है. वहीं, गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के वरिष्ठ भंडारक रजनीश कुमार पांडे के खिलाफ भी आय से ज्यादा संपत्ति अर्जित करने के मामले में अभियोग पंजीकृत करने की अनुमति दी है.
वहीं, उत्तराखंड परिवहन निगम के उप महाप्रबंधक वित्त भूपेंद्र कुमार के खिलाफ पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार में लिप्त रहने के मामले में सतर्कता विभाग को जांच की अनुमति दी गई है. सीएम धामी का कहना है कि देवभूमि उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना सरकार का लक्ष्य है. लिहाजा, उत्तराखंड भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बने, इसके लिए कड़े निर्देश जारी किए गए हैं.