देहरादूनः उत्तराखंड में धामी सरकार की जारी अवैध धार्मिक अतिक्रमण के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर कांग्रेस एक बार फिर हमलावर हो गई है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि बीते कुछ महीनों से लगातार उत्तराखंड की भाजपा सरकार लैंड जिहाद को बड़े पैमाने पर महिमामंडित कर रही है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड कांग्रेस की रिसर्च टीम ने सूचना आयोग देहरादून की वेबसाइट से मामला निकाला है, जिसमें भाजपा के लंबे समय तक पार्षद रहे अजय सिंघल ने लोक सूचना अधिकारी नगर निगम देहरादून को 30 मार्च 2022 को पत्र लिखकर दो बिंदुओं पर सूचना मांगी थी. लेकिन अजय सिंघल को पत्र के माध्यम से जो सूचना दी गई, वह पर्याप्त और स्पष्ट नहीं थी. ऐसे में उन्होंने दोबारा 15 सितंबर 2022 को फिर स्पष्ट सूचना उपलब्ध कराए जाने के लिए अनुरोध किया गया था.
RTI मांगने पर स्वीकार किया कब्जा
माहरा का कहना है कि अजय सिंघल ने डांडा लखोंड स्थित सिद्धार्थ पैरामेडिकल कॉलेज द्वारा निगम निगम देहरादून की करीब 6 बीघा भूमि पर कब्जा करने की शिकायत नगर आयुक्त से भी की थी. उन्होंने कहा कि सिंघल लगातार लगातार भू कब्जे की शिकायत कर रहे हैं, लेकिन सरकार और नगर निगम सुनने को तैयार नहीं है. ऐसे में उन्होंने जब सूचना के अधिकार के तहत सूचना मांगी तो 3 बीघे पर कब्जे की बात स्वीकार की गई. किंतु कब्जा हटाने की कार्रवाई नहीं हुई.
भाजपा विधायक पर जमीन कब्जाने का आरोप
करन माहरा ने आरोप लगाया कि भाजपा जनता पार्टी और उनकी पार्टी के मेयर की देखरेख में जमीनों को खुर्द बुर्द किए जाने के काम देहरादून में हो रहे हैं. ऐसे में जब भाजपा पार्षद की सुनवाई नहीं हो रही है तो एक आम आदमी की सुनवाई कैसे होगी? माहरा ने हरिद्वार का मामला उठाते हुए कहा कि हरिद्वार में बड़ा उदासीन अखाड़ा ने भाजपा के विधायक मदन कौशिक पर उदासीन अखाड़े की जमीन कब्जा किए जाने के आरोप लगाए हैं. बड़ी संख्या में संतों ने मांग उठाई है कि मदन कौशिक और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा जो जमीन कब्जाई गई है, उसकी जांच की जाए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके.
हाईकोर्ट जज से जांच कराने की मांग
माहरा ने मांग उठाई कि सरकार को तुरंत हाईकोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में समिति का गठन करते हुए इस मामले की निष्पक्ष जांच करानी चाहिए. उन्होंने कहा कि कई संतों के गायब होने और मरने के मामले भी सामने आ रहे हैं. ऐसे में इस मामले की भी त्वरित जांच की जानी चाहिए. माहरा ने कहा कि सरकार को सामने आकर इस विषय पर अपना वक्तव्य देना चाहिए.