पटियाला : पटियाला हाउस कोर्ट ने पत्नी की फर्जी सर्जरी के बहाने जमानत मांगने वाले बंदी के खिलाफ पुलिस को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। पिछले तीन साल से हत्या के आरोप में जेल में बंद बंदी ने पत्नी के आपरेशन के नाम पर कोर्ट से जमानत मांगी। पत्नी के चिकित्सा दस्तावेज की जांच की गई तो सामने आया कि रिपोर्ट में मस्तिष्क की बीमारी दिखाई गई है, जबकि आपरेशन रीढ़ की हड्डी का लिखा गया है।
कोर्ट ने दिया केस दर्ज करने का आदेश
पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पवन कुमार की कोर्ट ने तिलक मार्ग थाना पुलिस को इस मामले में आरोपित धर्मवीर के साथ अन्य लोगों की भूमिका की जांच कर तत्काल केस दर्ज करने को कहा है। साथ ही सत्र अदालत द्वारा दिए गए आदेश की प्रति को तिलक मार्ग थाने से संबंधित मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के पास भेजने को भी कहा है, ताकि मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट इस मामले में हत्या आरोपित के खिलाफ दर्ज होने वाले मामले में शिकायतकर्ता की भूमिका निभा सके।
दस्तावेजों पर डॉक्टर ने उठाए थे कई सवाल
आरोपित द्वारा पेश किए गए पत्नी के चिकित्सा दस्तावेजों पर डाक्टर ने कई सवाल उठाए थे। डाक्टर ने सवाल उठाया कि महिला को जो बीमारी दिखाई गई उसमें तत्काल सर्जरी न की जाए तो पांच माह तक मरीज के बचने की संभावना होती है। इन दस्तावेज में महिला को मस्तिष्क की गंभीर बीमारी बताई गई है, जबकि 24 जून को आपरेशन की तारीख रीढ़ की हड्डी की दी है।
अस्पताल के रिकॉर्ड में इस महिला का कोई सीटी स्कैन नहीं है, जबकि मस्तिष्क की बीमारी का पता लगाने के लिए सीटी स्कैन की रिपोर्ट अनिवार्य होती है। पर्चे पर अंग्रेजी के बहुत सारे शब्द गलत लिखे हैं, जैसे की ब्लीड को बिल्ड लिखा है, जो एक डाक्टर आमतौर पर कभी नहीं करता ।