लंदन: दक्षिण पूर्व लंदन में लेविशम में रहने वाले 33 वर्षीय डॉ. कबीर गर्ग को वूलविच क्राउन अदालत ने बच्चों के शोषण को बढ़ावा देने में भूमिका निभाने के मामले में 23 जून को 6 साल जेल की सजा सुनाई है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक सुनवाई में पाया गया कि उसने यौन शोषण से जुड़ी तस्वीर साझा करने वाली एक डार्क वेबसाइट के लिए मॉडरेटर का काम किया था.
नेशनल क्राइम एजेंसी के एडम प्रीस्टली ने अपने बयान में बताया कि, कबीर गर्ग बाल यौन शोषण को बढ़ावा देने में बड़े स्तर पर शामिल था. उसने बच्चों के खिलाफ भयानक अपराध और चर्चा करने वाले बालप्रेमी समुदाय तक पहुंच के लिए डार्क वेब का इस्तेमाल किया था. कबीर गर्ग यूके जाने से पहले लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करने के बाद बेंगलुरु में नेशनल इन्स्टिट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंस (एनआईएमएचएएएस) में कार्य करता था. उसे पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया गया. जनवरी में उसे आठ आरोपों में दोषी पाया गया जिसमें बाल यौन शोषण और अश्लील तस्वीरें बनाना और वितरित करना शामिल था.
जिस वेबसाइट का मॉडरेटर उसके 90 हजार सदस्य
अधिकारियों ने बताया कि कबीर गर्ग, द एनेक्स साइट के मॉडरेटर में से एक था, इसके दुनिया भर में करीब 90,000 सदस्य हैं. वह इस वेबसाइट का एडमिनिस्ट्रेटर था. इस वेबसाइट से रोजाना साझा की जाने वाली बाल शोषण सामग्री के सैकड़ों लिंक मिले. प्रीस्टले बताते हैं, ‘डार्क वेब पर इस तरह की साइट के सैकड़ों-हजारों सदस्य होते हैं, लेकिन उनमें से कुछ ही स्टाफ सदस्य के रूप काम करने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं, जो बगैर भुगतान लिए बहुत सारा वक्त इसके लिए देते हैं.’
यूके की नेशनल क्राइम एजेंसी ने अपने बयान में कहा कि, अधिकारियों ने गर्ग को लेविशम में उसके फ्लैट से नवंबर 2022 में गिरफ्तार किया था. उस दौरान कबीर गर्ग ने अपने मॉडरेटर अकाउंट से लॉगइन किया था और उनके लैपटॉप पर साइट खुली हुई थी. अधिकारियों ने 7000 से अधिक अश्लील चित्र, वीडियो और कई मेडिकल जर्नल बरामद किए जो उन्होंने मनोचिकित्सक के रूप में हासिल किए थे. एक जर्नल का शीर्षक था, ‘भारत में बाल यौन शोषण पर एक अध्ययन.’ विशेष अभियोजक बेथनी राइन ने कहा कि, बच्चों पर यौन शोषण के मनोवैज्ञानिक असर के बारे में उनकी समझ को देखते हुए गर्ग का अपराध चौंकाने वाला है.
किसी बड़े रैकेट होने का संदेह
जब कबीर गर्ग को कथित तौर पर बाल यौन उत्पीड़न में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया था और उनके पास से बच्चों के उत्पीड़न से जुड़ी हजारों तस्वीरें और वीडियो बरामद किए गए थे. पिछले साल उसी महीने में ब्रिटेन के अधिकारियों ने 34 साल के मैथ्यू स्मिथ को भी गिरफ्तार किया था. स्मिथ ने कथित तौर पर भारत में दो किशोरों को पिछले पांच सालों में लड़कों का यौन उत्पीड़न करने और तस्वीर साझा करने के लिए 65 लाख रुपये दिए थे. अधिकारियों को शक है कि यह किसी बड़े बालयौन रैकेट का हिस्सा है क्योंकि उन्होंने यौन उत्पीड़न से जुड़े हजारों वीडियो और तस्वीरें बरामद की हैं.
खास बात यह है कि भारत में अपने प्रवास के दौरान स्मिथ एक अनाथालय के लिए काम करता था और एनजीओ से जुड़ा था. जहां वह बाल यौन शोषण के सहयोगियों का एक नेटवर्क बनाने में कामयाब रहा और यूके लौट आने के बाद भी उनके संपर्क में बना रहा. अभियोजक ने बताया कि स्मिथ भारत में किशोरों को बहकाने और किस तरह नाबालिगों से दोस्ती की जाए यह सिखाने का काम करता था. फिर वह उनको यौन कृत्यों से जुड़ी तस्वीरें और वीडियो भेजता, जो वह चाहता था कि वह लोग करें और उसका वीडियो रिकॉर्ड करें.