देहरादून: उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) यानी समान नागरिक संहिता (UCC) पर गठित कमेटी ने यूसीसी के लिए अपना मसौदा तैयार कर लिया है. समिति ने बैठकों, परामर्शों, क्षेत्र के दौरे और विशेषज्ञों और जनता के साथ बातचीत के बाद सहित इस पूरी प्रक्रिया में 13 महीने से अधिक का समय लगा चुका है. इस बीच सूत्रों के मुताबिक बड़ी खबर यह है कि उतराखंड का UCC का ड्राफ्ट जुलाई के मध्य तक कमेटी इसे उत्तराखंड सरकार को सौंप सकती है. बताया जा रहा है कि इसके बाद यह किसी भी वक्त कानून का रूप ले सकता है.
दावा किया जा रहा है कि कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार करने से पहले राज्य के सभी वर्गों, धर्मों, राजनीतिक दलों से बातचीत की है. दावा यह भी है कि कमेटी को समान नागरिक संहिता पर 20 लाख से ज्यादा सुझाव मिले हैं. कमेटी के अनुसार, समान नागरिक संहिता पर अंतिम रिपोर्ट बनाने के लिए कम से कम 143 बैठकों का आयोजन किया गया. कमेटी का कहना है कि रिपोर्ट तैयार करने के लिए उसने राज्य के हर जिले के हर समूह से बात की है और रिपोर्ट में सबकी बातों को समाहित किया गया है.
सूत्रों के मुताबिक इसमें ये कई खास बातें हो सकती हैं. शादी के लिए लड़कियों की उम्र बढ़ाई जा सकती है. शादी से पहले वो ग्रैजुएट हो सकें, इसे प्रोहत्साहन देने के लिए ऐसा किया जा सकता है. सभी के लिए विवाह का का पंजीकरण अनिवार्य होगा और बिना पंजीकरण सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलेगा. गावों के स्तर तक विवाह विवाह पंजीकरण की सुविधा मुहैया कराई जाएगी.
तलाक के लिए पति-पत्नी दोनों को बराबरी के आधार मिल सकते हैं. इसके साथ ही बहुविवाह, हलाला और इद्दत पर रोक की सिफारिश की जा सकती है. उत्तराधिकार में लड़के- लड़कियों का बराबरी का अधिकार मिलेगा. वहीं, लिव-इन का डिक्लेरेशन जरूरी होगा. इसके तहत इस बात की जानकारी माता-पिता को होना जरूरी रहेगा.