नैनीतालः चारधाम यात्रा में हो रही घोड़े खच्चरों की मौत और अव्यवस्थाओं के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी डीएम समेत टूरिज्म बोर्ड और पशु कल्याण बोर्ड को पक्षकार बनाया है. साथ ही उनके खिलाफ नोटिस जारी कर 3 हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने को कहा है. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि मामला काफी गंभीर है.
दरअसल, दिल्ली निवासी धर्मगुरु अजय गौतम ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि चारधाम यात्रा में पूरी तरह से अव्यवस्थाएं फैली हैं. तीर्थ यात्रियों के लिए खाने पीने और रहने की सुविधाएं नहीं हैं, न ही कोई सीसीटीवी की व्यवस्था की गई है. जबकि, रोजाना 25 हजार से ज्यादा यात्री वहां पहुंच रहे हैं. जनहित याचिका में ये भी कहा गया है कि चारधाम यात्रा के दौरान घोड़े खच्चरों पर अमानवीय व्यवहार हो रहा है. काम लेने के लिए उनको नशा तक दिया जा रहा है.
अभी तक करीब 400 से ज्यादा घोड़े खच्चरों की मौत तक हो चुकी है, लेकिन मामले में प्रशासन चुप बैठा है. इन धामों में नशे का प्रकोप भी बढ़ रहा है. जब इन बातों को उठाया जा रहा है तो स्थानीय कारोबारी यात्रियों के साथ मारपीट कर रहे हैं. याचिका में कहा गया है कि घोड़े खच्चरों के शवों को नदियों में डाला जा रहा है. जिससे नदी और पर्यावरण भी प्रदूषित हो रहा है. आए दिन यूट्यूबर वहां की घटनाओं को अपने चैनल के माध्यम से दिखा रहे हैं.
वहीं, जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि चारधाम यात्रा में सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त की जाए. साथ ही यात्रा के लिए ठोस गाइडलाइन बनाने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि चारधाम में अय्याशी हो रही है. यहां क्राइम और नशा हो रहा है, उस पर रोक लगाई जाए. वहीं, अब मामले की अगली सुनवाई 5 सितंबर को होगी.