देहरादून: भाजपा ने कांग्रेसी सत्याग्रह पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश एकजुट होकर आपदा की चिंता और चुनौती से जूझ रहा है। लेकिन विपक्षी दल कांग्रेस को इसकी कोई परवाह नही है और वह अपने युवराज राहुल गांधी पर आयी राजनैतिक विपदा की लडाई लड़ रही है।
प्रदेश मुख्यालय मे पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि आपदा से जूझ रहे लोगों के लिए वह क्या मदद कर रही है इसका उसके पास जवाब नही है। भट्ट ने कटाक्ष किया, जिनके पास बोलने के लिए कुछ नही होता है उनका मौन ही रहना उचित है । प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में समूचा प्रशासनिक तंत्र, सामाजिक कार्यकर्ता और जागरूक समाज ग्राउंड जीरो पर जनता की हर संभव मदद के लिए डटा हुआ है । सबकी चिंता है कि किसी भी तरह जान माल़ का नुकसान न हो लेकिन उत्तराखंड कांग्रेस के तमाम नेता कई दिनों से अपने राजनैतिक कार्यक्रम को भव्य बनाने में जुटे थे । बेहतर होता कि उनके ये तमाम नेता अपने अपने क्षेत्रों में लोगों के बीच रहकर उनकी मदद में हाथ बंटाते, लेकिन उन्हें जनता से अधिक अपने युवराज की चिंता है ।
भट्ट ने कहा कि सार्वजनिक जीवन मे भाषायी मर्यादा और आचरण का विशेष ध्यान रखना चाहिए। एक अनर्गल और एक पूरे समाज को अपमानित करने वाली बात ही कांग्रेस नेता के लिए सजा की वजह बनी और संसद सदस्यता से भी हाथ धोना पड़ा। अपनी सरकार में अध्यादेश फाड़ने वाले कोर्ट से सजा के बाद अब सदस्यता जाने का दुखड़ा बयाँ कर रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया, ये सारी राजनैतिक कयावद देशभर की अदालतों में राहुल गांधी पर चल रहे सभी न्यायिक प्रकरणों को प्रभावित करने की कोशिश है । क्योंकि महाराष्ट्र, बिहार और हरिद्वार समेत कई राज्यों की अदालतों में समाज, संस्थाओं और व्यक्तियों को अपमानित करने के केस उनके ऊपर चल रहे हैं । वहीं राहुल गांधी को लेकर न्यायालयों के जिस फैसले के चलते उनकी सदस्यता गई उसमे निचली अदालत और उच्च न्यायलय ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद ही निर्णय दिया है । उनकी सदस्यता संवैधानिक प्रक्रिया के तहत ही समाप्त हुई। इससे पूर्व भी कई सांसदों की सदस्यता इस नियम के चलते गई है । अब इसी कानून के चलते स्वयं की सदस्यता गई तो दोष दूसरों को दे रहे हैं ।
भट्ट ने कहा कि एक पूरे ओबीसी समाज को अपमानित करने के केस में न्यायालय ने बेशक आज उन्हें सजा सुनाई हो, लेकिन जनता की अदालत में तो वे पहले ही दोषी ठहराए गए हैं । उन्होंने उत्तराखंडियत का दावा करने वाले कांग्रेस नेताओं को भी सलाह देते हुए कहा कि राहुल गांधी की सदस्यता जाने के मामले में तो न्यायालय ही उन्हें राहत दे सकता है, इसलिए उनके लिए प्रलाप करने के बजाय उन्हे आपदा से प्रभावित लोगों के आंसू पोछने को प्राथमिकता देना चाहिए ।