नोएडा: उत्तर प्रदेश के नोएडा में फर्जी पैन और आधार कार्ड के जरिये फर्म तैयार कर जीएसटी की हेरफेर करने वाले कई गिरोह सक्रिय हैं. इन्ही में से एक गिरोह का सेक्टर-20 थाना पुलिस ने हाल ही में भंडाफोड़ किया था. लेकिन फिर भी फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे. सेक्टर-63 थाना में फिर से एक मामला दर्ज करवाया गया है. यह मामला बुलंदशहर के रहने वाले एक मजदूर देवेंद्र ने दर्ज करवाया है. देवेंद्र ने बताया कि मजदूरी करके दिन के महज 300 रुपये कमा पाता है. उसी से उसके परिवार की आजीविका चलती है.
एक दिन अचानक से उसे गाजियाबाद जीएसटी विभाग का डाक के द्वारा एक नोटिस मिला. नोटिस देखते ही उसके होश उड़ गए. नोटिस में लिखा था कि उसकी फर्म के 2022-23 का टर्न ओवर 1.36 करोड़ रुपये है, जिसका जीएसटी बकाया 24 लाख 61 हजार रुपये है. देवेंद्र ने इसे लेकर बुलंदशहर थाने में मामला दर्ज करवाया. लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस तरह कुछ महीने बीत गए.
कॉन्ट्रेक्टर ने धोखे से लिया था आधार और पैन कार्ड
फिर दोबारा उसे नोटिस आया. तब उसे पता चला कि जिस पैकिंग कंपनी में वह दो साल पहले नौकरी करता था वहां कॉन्ट्रेक्टर प्रशांत कुमार भी काम करता था. उसने सैलेरी देने के बहाने से उससे आधार कार्ड और पैन कार्ड लिया था. उसी आधार और पैन कार्ड की मदद से फर्म तैयार किया गया. जिसे जितेंद्र नामक शख्स चला रहा है.
प्रशांत और देवेंद्र के खिलाफ किया मामला दर्ज
देवेंद्र ने अब थाना सेक्टर-63 में आधार और पैन कार्ड का गलत इस्तेमाल और धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया है. उसने प्रशान्त और जितेंद्र सिसोदिया के खिलाफ यह मामला दर्ज करवाया है. वहीं, पुलिस का कहना है कि पीड़ित के तहरीर पर मामला दर्ज कर लिया गया है. मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है.
सेक्टर-20 थाने में भी आया था ऐसा ही केस
वहीं, इससे पहले मई महीने में सेक्टर-20 थाने में एक शख्स ने ऐसा ही मामला दर्ज करवाया था. उसने बताया कि उसके नाम पर फर्जी कंपनी रजिस्टर हुई है. पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने बताया, “शुरुआती जांच में 1 कंपनी का नाम हमारे पास था. उसको ट्रेस करते हुए हम GST डिपार्टमेंट तक पहुंचे. क्योंकि, इस कंपनी के जरिए GST रिटर्न लिया गया था.”
उन्होंने बताया, “हमने पैन कार्ड का डेटा निकाला. ये एक मोबाइल नंबर पर रजिस्टर किया गया था. सामने आया कि इसी मोबाइल नंबर पर कई कंपनियां रजिस्टर्ड की गई हैं. इनके एड्रेस पश्चिम बंगाल, दिल्ली, गाजियाबाद, चंडीगढ़ के थे. इसके बाद इन शहरों में कंपनी एड्रेस पर टीमें पहुंची. तो वहां कोई कंपनी चलती हुई नहीं मिली.”
आठ लोग किए गए थे गिरफ्तार
लक्ष्मी सिंह ने बताया, “छानबीन में पुलिस टीमें मोबाइल नंबर को ट्रेस करती हुई यासीन शेख तक पहुंची. उसके घर और ऑफिस से पुलिस को लैपटॉप और मोबाइल मिला. इसका डेटा चौंकाने वाला था. सामने आया कि देश के अलग-अलग शहरों में 50 से ज्यादा लोग एक्टिव हैं, जोकि 2660 फर्जी कंपनी खड़ी करके GST रिफंड के लिए अप्लाई कर रहे हैं.”
दिल्ली के 3 ऑफिस का पता भी पुलिस को चला. इसके बाद पुलिस ने एक-एक करके महिला समेत 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. बरामद हुए लैपटॉप, मोबाइल और दस्तावेजों से 6.35 लाख लोगों के पैन कार्ड मिले.