“मैं मरा नहीं जिंदा हूं…” 4 साल से चीख-चीखकर बोल रहा एक ‘मुर्दा ‘! पढ़ें हैरान करने वाली घटना

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रीवा: मैं मरा नहीं हूं…मैं जिंदा हूं…’ ऐसा बीते 4 सालों से एक पीड़ित तमाम प्रशासनिक अफसरों की चौखट पर जाकर यही गुहार लगा रहा है, लेकिन उसकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही. वो कागजों में मृतक करार है. इस वजह से उसकी जमीन पर दूसरे लोग हक जमाए बैठे हैं. फिलहाल एसपी से उसने न्याय की मांग की है. रीवा जिले की मनगवा स्थित रामपुरवा गांव के पूर्व सरपंच की काली करतूत उजागर हुई है. शनिवार देर शाम एसपी कार्यालय पहुंचे पीड़ित ने खुद के साथ हुई बर्बरता की कहानी बयां की. दरअसल पीड़ित ने गांव के पूर्व सरपंच पर कई गंभीर आरोप लगाए. पीड़ित का कहना है- पूर्व सरपंच ने मुझे जीते जी मार डाला और फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर मेरी 5 एकड़ जमीन हड़प ली. पीड़ित ने मामले की शिकायत कई बड़े प्रशासनिक अधिकारियों से की मगर लाचार सिस्टम में अब तक उसकी कोई मदद नहीं की है. खुद को जिंदा साबित करने के लिए 4 साल से लगातार न्याय की गुहार लगाते प्रशासनिक दफ्तरों के चक्कर काट रहा है.

पत्नी ने भी दिया साथ
हैरान कर देने वाला यह मामला मनगवां तहसील के राम पुरवा गांव का है. गांव के गेंद लाल पटेल की 5 एकड़ जमीन गांव के ही पूर्व सरपंच शकुंतला पटेल व उनके पति रमेश पटेल ने 2019 में हड़प ली. जमीन हड़पने के लिए पूर्व सरपंच ने पहले तो पीड़ित गेंद लाल का जाली मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार कराया. फिर उसे धक्के मारकर गांव से बाहर का रास्ता दिखा दिया. यही नहीं इस काली करतूत में गेंद लाला की पत्नी ने भी पूर्व सरपंच का साथ दिया. बेघर हुए पीड़ित लाल पटेल के पास लगभग 18 एकड़ की भूमि है, जिसमें से 5 एकड़ भूमि पूर्व सरपंच व उसके पति और पीड़ित की पत्नी ने मिलकर हड़प ली है.

घर से भगा देती है पत्नी
जमीन हड़पी जाने के बाद गेंद लाल पटेल अपने ही घर से बेघर हो गया. उसने मामले की शिकायत स्थानीय स्तर पर अधिकारियों से की, लेकिन निराशा ही हाथ लगी. इसके बाद पीड़ित मेहनत मजदूरी करने बाहर आने जाने लगा. कई बार अपने घर गया, लेकिन उसकी पत्नी उसे डरा धमका कर घर से भगा देती थी. 2022 में पीड़ित ने वर्तमान सरपंच वंश गोपाल पटेल से मदद की गुहार लगाई और मामले की शिकायत कलेक्टर से की, लेकिन वहां से भी मात्र आश्वासन ही प्राप्त हुआ.  2019 से लेकर अब तक पीड़ित कई बार प्रशासनिक दफ्तरों के चक्कर काट चुका है, लेकिन उसकी समस्या का निराकरण अभी तक नहीं किया जा सका है.

पुलिस अफसर को सौंपी जांच
पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने कहा कि मामले पर फरियादी की शिकायत प्राप्त हुई है. पीड़ित का कहना था कि फर्जी तरीके से उसका मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया गया है और उससे कुछ लाभ में अवैध रूप से अर्जित किए गए आवेदक की शिकायत प्राप्त होने पर मामले की जांच एसडीओपी को सौंप दी गई है जांच के दौरान अगर इस तरह के तथ्य निकलकर सामने आते हैं तो वैधानिक कार्रवाई की जाएगी. घटना में अगर सत्यता है तो वह अपराध की श्रेणी में आता है. उसके अनुसार ही मामले पर कार्रवाई की जाएगी.

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