गोपेश्वर: चमोली कस्बे में हुए एसटीपी हादसे के बाद से चमोली जिले के हरमनी गांव में मातम पसरा हुआ है। करंट फैलने से हुए इस हादसे में जिन 16 व्यक्तियों की जान गई, उनमें से नौ अकेले हरमनी गांव के हैं। इसके अलावा गांव के तीन व्यक्ति घायल भी हुए हैं। मृतकों में तीन व्यक्ति तो एक ही परिवार के हैं और यह बदकिस्मत परिवार है गणेश लाल का, जो एसटीपी में चौकीदार था। गणेश की करंट की चपेट में आने से रात को ही मौत हो गई थी और सूचना मिलने पर सुबह जब पिता महेंद्र लाल व बड़ा भाई सुरेश उर्फ दीपू कुमार मौके पर पहुंचे तो उनकी भी करंट की चपेट आकर जान चली गई। इसके बाद से गणेश की मां व छोटा भाई महेश लाल बेसुध हैं। न कुछ कहते हैं और न उनकी आंखों में आंसू ही हैं। ऐसा प्रतीत होता है, जैसे एकटक आसमान की ओर निहार रहे हैं।
हरमनी गांव के लिए दुर्भाग्यशाली रहा बुधवार का दिन
चमोली कस्बे से सात किमी दूर स्थित हरमनी गांव के लिए बुधवार का दिन दुर्भाग्यशाली रहा। गांव के निवासियों को सुबह अंदाजा भी नहीं रहा होगा कि करंट की चपेट में आकर मृत गणेश लाल के परिवार को न्याय दिलाने के लिए वे जिस एसटीपी का रुख कर रहे हैं, वहां मौत पहले से ही उनका इंतजार कर रही है। गणेश लाल के पिता व भाई के साथ एसटीपी पहुंचे ग्रामीण मृतक के स्वजन को मुआवजा देने के बाद ही पंचनामा भरने की मांग कर रहे थे।
इसी बीच अचानक पूरे एसटीपी परिसर में करंट दौड़ गया और देखते ही देखते गणेश लाल के पिता व भाई के साथ छह अन्य ग्रामीणों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। जबकि, तीन बुरी तरह झुलस गए। गणेश लाल के परिवार में अब बूढ़ी मां व मझले भाई के सिवा कोई नहीं बचा। उसके पिता महेंद्र लाल राजमिस्त्री थे, जबकि बड़ा भाई सुरेश स्थानीय एक शोरूम में नौकरी करता था। महेश बेरोजगार है। गांव के जिन अन्य परिवारों के लोग हादसे में मारे गए, उन घरों में भी स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल है।
नेता प्रतिपक्ष ने हादसे पर व्यक्त की शोक संवेदना हल्द्वानी
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने बुधवार को चमोली जिले में हुए करंट हादसे को लेकर शोक संवेदना व्यक्त की है। कहा कि घायलों की संख्या ज्यादा हैं। राज्य सरकार को बेहतर चिकित्सा देनी चाहिए। इसके अलावा हादसे वाली जगह अलकनंदा नदी के नजदीक है। इसलिए नदी क्षेत्र में भी खोज अभियान चलना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि पूर्व में करंट लगने से एक चौकीदार की मौत हुई थी। समय रहते विभाग और प्रशासन सचेत होता तो इतनी बड़ी मानव क्षति नहीं होती।