न्यूज़ डेस्क : पाकिस्तान के कराची के बाहर दो लोगों को बीते गुरुवार (20 जुलाई) को जानवरों की तस्करी करने के आरोप में पकड़ा गया. वो दोनों आम के ट्रांसपोर्ट के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बक्सों में 14 बंदरों के बच्चों की तस्करी कर रहे थे. बंदरों की तस्करी करने के आरोप में पकड़े जाने के बाद उन्हें बंदर सहित कोर्ट में पेश किया गया. पाकिस्तान के कराची कोर्ट में जब 14 बंदरों को आरोपियों के साथ लाया गया तो उसमें से एक बंदर भाग गया. इसके बाद कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी मच गई. कोर्ट में मौजूद कर्मचारियों ने भागे हुए बंदर को पेड़ से नीचे उतारने की कोशिश में जुट गए.
बंदरों को चोरी करने की ट्रेनिंग
पाकिस्तान सिंध वन्यजीव विभाग के प्रमुख जावेद महार ने कहा, “बंदरों को बुरी हालत में बक्सों में रखा गया था. वे मुश्किल से सांस ले पा रहे थे.” पाकिस्तान में जंगली जानवरों का व्यापार या उन्हें रखना गैरकानूनी है. इसके बावजूद कानूनों की नियमित रूप से अनदेखी की जाती है.
पाकिस्तान में विदेशी पालतू जानवरों का एक बहुत बड़ा मार्केट है. यहां कस्टमर को आकर्षित करने के लिए अक्सर सड़क पर मनोरंजन करने वाले बंदरों को अपने पास रखते है, जिसे मादरी का खेल कहा जाता है. इसके अलावा बंदरों को चोरी करने के लिए भी ट्रेनिंग दी जाती है.
100,000 रुपये का जुर्माना लगाया
पाकिस्तान के कोर्ट ने आरोपियों पर 100,000 रुपये का जुर्माना लगाया. बंदरों को कराची चिड़ियाघर को सौंपने का आदेश दिया. आरोपियों के तरफ से बंदरों के साथ किए गए कामों की वन्यजीव अधिकारियों ने आलोचना की. वन्यजीव अधिकारी महार ने कहा, “बंदरों को उनके प्राकृतिक आवास में लौटाया जाना चाहिए था, जहां से उन्हें पकड़ा गया था.”
देश की एक कोर्ट ने साल 2020 में देश की राजधानी के एकमात्र चिड़ियाघर को उसकी खस्ता हालत के कारण बंद करने का आदेश दिया. पाकिस्तान के चिड़ियाघर अपनी ख़राब सुविधाओं के लिए कुख्यात हैं. इसके लिए वन्यजीव अधिकारी चिड़ियाघर की आलोचना करते है.