देहरादून: पुलिस विभाग की ओर से बनाए गए गौरा शक्ति एप को शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लॉन्च कर दिया है. कामकाजी महिलाएं इस एप से हमेशा पुलिस के सुरक्षा घेरे में रहेंगी. ऐसे में हर 15 दिन के भीतर कोतवाली की महिला सब इंस्पेक्टर कामकाजी महिला को फोन कर उनका हालचाल भी जानेगी. मुख्य रूप से गौरा शक्ति एप, कामकाजी महिलाओं के लिए बनाया गया है जो इन महिलाओं की जानकारियों को एकत्र करेगा.
गौरा शक्ति एप कैसे करेगा काम
देश दुनिया में लगातार बढ़ रहे महिला अपराध के रोकथाम के लिए जहां एक ओर केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है तो वहीं, दूसरी ओर उत्तराखंड सरकार भी इस बात पर फोकस कर रही है कि महिला अपराध पर लगाम लगाई जा सके. यही नहीं, कामकाजी महिलाओं को भी सुरक्षित वातावरण में काम करने का अनुभव मिले. इसे देखते हुए उत्तराखंड पुलिस ने गौरा शक्ति एप को लॉन्च किया है. इस एप के माध्यम से कामकाजी महिलाएं अपने आपको रजिस्टर करा सकती हैं. ऐसे में वह अपने नजदीकी पुलिस चौकी के सुरक्षा घेरे में आ जाएंगी.
पुलिस जानेगी हालचाल
दरअसल, पुलिस विभाग की ओर से बनाए गए गौरा शक्ति एप को शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लॉन्च कर दिया है. मुख्य रूप से गौरा शक्ति एप, कामकाजी महिलाओं के लिए बनाया गया है जो ना सिर्फ कामकाजी महिलाओं की जानकारियों को एकत्र करेगा, बल्कि जो कामकाजी महिला अपने आपको इस एप में रजिस्टर करेगी, उसके नजदीकी पुलिस कोतवाली में भी उस महिला की जानकारी साझा हो जाएगी. ऐसे में हर 15 दिन के भीतर कोतवाली की महिला सब इंस्पेक्टर कामकाजी महिला को फोन कर उनका हालचाल भी जानेगी.
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कही ये बात
वहीं, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया कि गौरा शक्ति एप के जरिए हम महिलाओं के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाना चाहते हैं, ताकि महिलाएं बढ़-चढ़कर कामकाज के लिए बाहर आएं. अगर महिलाएं कामकाज करने के लिए बाहर आती हैं तो ऐसे में उनके परिजनों को भी इसका आश्वासन रहेगा कि उनके परिवार की सदस्या, पुलिस के सुरक्षा घेरे में हैं. साथ ही राधा रतूड़ी ने कहा कि वर्तमान समय में शिकायत करने के लिए कई डायल नंबर और ऑनलाइन पोर्टल हैं, जिसके माध्यम से महिलाएं अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं.
महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता
अब तक कामकाजी महिलाओं की जानकारियों को एकत्र करने के लिए ऐसी कोई सुविधा मौजूद नहीं थी. लिहाजा गौरा शक्ति एप मुख्य रूप से सभी कामकाजी महिलाओं की जानकारी एकत्र करेगा. ऐसे में सरकार के पास भी यह जानकारी उपलब्ध रहेगी कि किस-किस क्षेत्र में कितनी महिलाएं काम कर रही हैं. साथ ही साथ ही उनके पास समय समय पर कोतवाली की महिला सब इंस्पेक्टर द्वारा कॉल कर हाल-चाल भी लिया जाता रहेगा. लिहाजा, कोई दिक्कत या समस्या होने पर महिला सीधे सब इंस्पेक्टर से संपर्क साध सकेगी.
महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर सीएम ने ली बैठक
उत्तराखंड में पिछले कुछ सालों से लगातार बढ़ रहे महिलाओं संबंधी अपराध को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं. दरअसल, कुछ ही दिनों पहले हुए अंकिता भंडारी हत्याकांड के साथ ही प्रदेश की तमाम जगहों पर महिलाओं संबंधी अपराध में काफी वृद्धि देखी गई है. महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समीक्षा बैठक की. बैठक में पुलिस विभाग के आला अधिकारियों के साथ ही प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारी और कप्तान भी वर्चुअल रूप से मौजूद रहे. मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि घरेलू हिंसा, यौन हिंसा और महिलाओं के साथ छेड़खानी जैसे मामलों पर त्वरित कार्रवाई की जाए. इसके साथ ही जिलों के डीएम और एसएसपी ऐसे अपराधों की मासिक समीक्षा भी करें. मुख्यमंत्री ने साफ कहा, कि जो अधिकारी ऐसे अपराधों को लेकर अच्छा काम करेंगे उनको प्रोत्साहित किया जाएगा. वहीं लापरवाही वालों पर कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी.
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि वो एक माह के बाद दोबारा इन तमाम मुद्दों को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि थानों और कोतवाली स्तर पर एक महिला पुलिस अधिकारी की तैनाती इन मामलों के लिए अलग से की जाए. इसके साथ ही महिलाओं को जागरूक करने का अभियान भी चलाया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि, जनता को पुलिस पर विश्वास पैदा हो सके इस तरह से काम करें.