देहरादून: सब रजिस्ट्रार कार्यालय देहरादून में जमीनों के दस्तावेजों में हुई हेराफेरी के मामले में सरकार ने आज 25 जुलाई को तीन सदस्य एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) का गठन कर दिया है. तीन सदस्यीय एसआईटी टीम में प्रशासनिक सेवा, पुलिस विभाग और निबंधन विभाग से एक-एक अधिकारी को शामिल किया गया है.
एसआईटी के अध्यक्ष रिटायर्ड आईएएस सुरेंद्र सिंह रावत, सदस्य डीआईजी लॉ एंड आर्डर पी रेणुका देवी और मुख्यालय स्टांप एवं निबंधन अतुल कुमार शर्मा है. एसआईटी सब रजिस्ट्रार कार्यालय देहरादून के सभी दस्तावेजों की जांच करेगी. इसके बाद आरोपियों को चिन्हित किया जाएगा. एसआईटी का कार्यालय स्टांप एंड रजिस्ट्रेशन मुख्यालय देहरादून में होगा. चार महीने के अंदर एसआईटी को अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन होगी. यदि जरूरत पड़ी तो एसआईटी जांच की समय सीमा बढ़ाई भी जा सकती है.
बता दें कि बीते दिनों देहरादून जिलाधिकारी सोनिका के जनता दरबार में जमीनों के फर्जीवाड़े से जुड़ी कुछ शिकायतें आई. मामले की जांच कराई गई तो सामने आया है कि सब रजिस्ट्रार कार्यालय देहरादून के रिकॉर्ड रूम में रखे दस्तावेजों से भी छेड़छाड़ की गई है.
वहीं, मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रजिस्ट्रार कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान वहां कई अनियमितताएं भी पाई गई थीं. सीसीटीवी काम नहीं कर रहे थे. सुरक्षा और रखरखाव के मानक भी उचित नहीं थे. अभिलेख कक्ष में प्रवेश और नकल प्राप्त करने की प्रक्रिया में गंभीर लापरवाही मिली थी.
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया था कि यहां से माफिया ने अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलकर दस्तावेज में छेड़छाड़ कर फर्जीवाड़ा किया है. साथ ही इस मामले में रजिस्ट्रार निबंधन की तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ कोतवाली नगर में मुकदमा पंजीकृत किया जा चुका है और जिलाधिकारी ने भी फोरेंसिक जांच के आदेश भी दिए चुकी है. वहीं, आज 25 जुलाई को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर इस मामले की जांच के लिए रिटायर्ड आईएएस सुरेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में तीन सदस्सीय एसआईटी का गठन किया गया.