PWD सचिव एक्शन मे : उत्तराखंड के 75 जोखिम भरे पुलों पर रोका जाएगा ट्रैफिक, दून के धोरण पुल के पास हो रहे खनन की होगी जांच…

खबर उत्तराखंड

देहरादून: देहरादून के धोरण पुल के नीचे लगातार हो रहे खनन का मामला सामने आने के बाद शासन हरकत में आया है. PWD सचिव ने पुल के पास हो रहे अवध खनन को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं. दरअसल धोरण पुल की हालत इतनी खराब हो गई है कि ये कभी भी गिर सकता है. इसके जिम्मेदार अवैध खनन माफिया हैं. उत्तराखंड में लगातार अवैध खनन के चलते कमजोर हो रहे पुलों पर शासन द्वारा सख्त कदम उठाए जा रहा है. देहरादून के एक बड़े हिस्से को शहर से जोड़ने वाले धोरण पुल पर ग्राउंड रिपोर्ट करने के बाद यहां पर लगातार किए जा रहे अवैध खनन से पुल को होने वाले नुकसान के मामले को पीडब्ल्यूडी सचिव ने संज्ञान में लिया है. पीडब्ल्यूडी सचिव ने कहा है कि केवल देहरादून के इस पुल पर ही नहीं, बल्कि उनके द्वारा पूरे प्रदेश भर के पुलों के आस-पास हो रहे अवैध खनन को लेकर के सख्त कार्रवाई की जा रही है.

पीडब्ल्यूडी सचिव ने क्या कहा?

पीडब्ल्यूडी सचिव पंकज पांडे ने बताया कि अवैध खनन करने वालों के साथ साथ ऐसे पट्टे धारक जो कि नियमों और मानकों के विपरीत नदी पर मौजूद मोटर पुल के 100 मीटर के आसपास खनन करते हुए पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. पीडब्ल्यूडी सचिव ने बताया कि उनके द्वारा पिथौरागढ़ में भी एक पट्टे धारक का पट्टा इसी अनियमितता के चलते रद्द कर दिया गया है. देहरादून के धोरण पुल को लेकर लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज पांडे ने कहा कि वह यहां पर अपने जांच दल को भेजकर पुल का निरीक्षण करवाएंगे. यदि आस-पास हो रहे खनन के चलते पुल को नुकसान हो रहा है, तो खनन करने वालों पर सख्त कार्रवाई करेंगे.

आईएएस अधिकारी पंकज पांडे का कहना है कि अक्सर यह देखा जाता है कि जिन लोगों को खनन के पट्टे अलॉट होते हैं, उन्हीं के द्वारा नियमों के विपरीत जाकर खनन किया जाता है. पीडब्ल्यूडी सचिव पंकज पांडे का कहना है कि नियमों के मुताबिक किसी भी पुल के आसपास 100 मीटर तक के दायरे में खनन की किसी भी तरह की प्रक्रिया प्रतिबंधित है. यदि कोई ऐसा करता हुआ पाया जाता है, तो उसके खिलाफ संगीन धाराओं में कार्रवाई का प्रावधान है.

75 पुलों पर रोका जाएगा ट्रैफिक

प्रदेश भर में लगातार क्षतिग्रस्त हो रहे मोटर पुलों को लेकर जहां एक तरफ तमाम सवाल खड़े किए जा रहे हैं, तो वहीं कोटद्वार में मालन नदी का पुल टूटने के बाद विधानसभा अध्यक्ष और कोटद्वार विधायक ने इस मामले को पुरजोर तरीके से उठाया था. जिसके बाद शासन प्रशासन में हड़कंप मचा. आनन-फानन में तमाम ऐसे पुलों का प्रदेश भर में ऑडिट करने के आदेश कर दिए गए जो की जर्जर स्थिति में हैं. लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज पांडे ने बताया कि उनके पास ऑडिट रिपोर्ट आ गई है. रिपोर्ट में पाया गया है कि पूरे राज्य में 75 ऐसे पुल हैं, जो कि जीर्ण शीर्ण अवस्था में हैं. इन सभी मोटर पुलों पर ट्रैफिक को रोका जाएगा. इन पुलों को मरम्मत कर मजबूत किया जाएगा.

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