नई दिल्ली: देश में पिछले तीन दिनों में भूकंप के कई झटके आए हैं। इससे भूकंप को लेकर डर बढ़ गया है। भारत में भूकंप के लिए इस मैप के मुताबिक यूरेशियन प्लेट और भारतीय प्लेट जिम्मेदार है। दुनिया भर के दूसरे प्लेट की तरह यूरेशियन प्लेट और भारतीय प्लेट भी आपस में टकराते रहे हैं और इस टकराव में भारतीय प्लेट धीरे-धीरे यूरेशिनयन प्लेट के नीचे आ रहा है। वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के सीनियर भू-भौतिक विज्ञानी डॉक्टर अजय पॉल ने दावा किया। बहरहाल, नए अध्ययन में यह चौंकाने वाली बात सामने आई है कि भारत करोड़ों वर्ष पहले कहीं और था।
भारत पृथ्वी के दक्षिणी छोर पर था
इंटरनेट पर मौजूद एक एनिमेटेड वीडियो के जरिए एक्सपर्ट्स ने समझाया है कि करीब 7 करोड़ 10 लाख साल पहले भारत पृथ्वी के दक्षिणी छोर पर अंटार्कटिका और ऑस्ट्रेलियन प्लेट्स से जुड़ा था। धीरे-धीरे भारतीय प्लेट, अंटार्कटिका और ऑस्ट्रेलियन प्लेट्स से अलग हुई और उत्तर की ओर बढ़ती गई। उस समय भारतीय प्लेट्स के खिसकने की रफ्तार प्रति वर्ष 8 से 16 सेमी थी। इस स्पीड से 1 किमी की दूरी तय करने पर 8333 वर्ष लगते हैं। इस तरह भारतीय प्लेट आगे बढ़ती गई और देश की करेंट लोकेशन वो हो गई, जो आज है। अब भारतीय प्लेट यूरेशियन प्लेट से टकरा रही है, इसलिए एक्सपर्ट परेशान हैं क्योंकि इससे हालात बिगड़ सकते हैं।
भारत पर खतरा
हिमालय और हिंदकुश का रेंज भारत में बड़े भूकंप की संभावना को जन्म देता है। दुनिया के कुछ बड़े भूकंप हिमालय के आसपास आए हैं। नेपाल का 2015 में 7.8 तीव्रता का भूकंप हो या 2005 में पीओके के मुजफ्फराबाद में 7.6 तीव्रता का भूकंप। देश का करीब 59 प्रतिशत हिस्सा मध्यम या गंभीर भूकंप की चपेट में है, जो चिंता का विषय है।
Source : “सच बेधड़क”