देहरादून: उत्तराखंड के चमोली में अलकनंदा नदी के किनारे नमामि गंगे ऑफिस के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) में अर्थिंग में खामी की वजह से करंट फैला था। 19 जुलाई को हुए इस हादसे में 16 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि 7 लोग घायल हुए थे। इस हादसे में 22 लोग करंट की चपेट में आए थे। मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई। चमोली के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट अभिषेक त्रिपाठी ने शनिवार को अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है।
जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि STP प्लांट की व्यवस्था बिजली मानकों के मुताबिक नहीं थी। STP का रखरखाव करने वाली दो कंपनियों को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन करने पर इन कंपनियों को ब्लेकलिस्ट करने की सिफारिश की गई है। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि चमोली में एसटीपी प्लांट में हुए हादसे पर मजिस्ट्रियल जांच की रिपोर्ट मिल गई है। इसके आधार पर कार्यवाही की जायेगी। दोषियों को कतई नहीं बख्शा जाएगा। एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। जिम्मेदारी तय करते हुए सख्त एक्शन लिया जा रहा है।