देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि नई कार्य संस्कृति विकसित करने के लिए 10 से 5 तक कार्य करने की व्यवस्था में बदलाव किया जा रहा है। कहा, मैं भी रात 11 बजे तक काम करता हूं। 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने के लिए सभी को अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने की जरूरत है। शनिवार को सीएम आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड @25 बोधिसत्व विचार श्रृंखला एक नई सोच-एक नई पहल’ पुस्तक का विमोचन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि राज्य के विकास की दीर्घकालिक योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। इसके लिए सभी विभागों का 10 साल का रोड मैप तैयार किया जा रहा है।
अब तक 20 विभागों की समीक्षा की जा चुकी है। राज्य के विकास में सरकार के सभी संस्थानों का सहयोग लिया जाएगा। पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय को पशुपालन व कृषि विकास, तकनीकी विश्वविद्यालय को विज्ञान एवं तकनीकी काे राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंच बनाने में सहयोगी बनाया जएगा। उन्होंने कहा कि आदर्श चंपावत के लिए बनाई जा रही योजनाएं प्रदेश के सभी जनपदों के लिए आधार बनेगी।
हिमालयी राज्यों के लिए बने अलग विकास मॉडल
सीएम धामी ने कहा कि नीति आयोग से हिमालयी राज्यों के लिए अलग से विकास का मॉडल तैयार करने की अपेक्षा की गई है। राज्य में स्थित सभी वैज्ञानिक संस्थानों को साथ लाकर समग्र एवं सर्वागीण विकास का एकीकृत मॉडल विकसित करना सरकार की प्राथमिकता है। जिसके माध्यम से प्रदेश के सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ते हुए इकोलॉजी एवं इकोनॉमी में बराबर संतुलन बनाते इस दशक को उत्तराखंड का दशक बना सकें। इस मौके पर पद्मभूषण अनिल जोशी, पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, सचिव वित्त दिलीप जावलकर, कार्यक्रम संयोजक यूकास्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत मौजूद थे।
देश-विदेश के निवेशक राज्य में निवेश करने के इच्छुक
मुख्यमंत्री ने कहा राज्य में निवेश व विकास का वातावरण बन रहा है। दिसंबर में वैश्विक निवेशक सम्मेलन आयोजन किया जाएगा। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया गया है। देश दुनिया के निवेशक उत्तराखंड में निवेश की सोच रहे है। चारधाम, हेमकुंड साहिब, कांवड यात्रा, हरिद्वार में होने वाले स्नान, पर्वों, पूर्णागिरी सहित अन्य मेलों में लगभग 8 करोड लोग प्रतिवर्ष उत्तराखंड आते हैं। इस आबादी के लिए व्यवस्थाएं बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में हमें अपनी पारिस्थितिकी और आर्थिकी के संतुलन को बनाए रखना है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर लोगों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ाना है।