शाहजहांपुर: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में 20 सालों से शहरवासियों की सांपों से जान बचाने वाला सपेरा रामबली खुद सांप का शिकार बन गया. खतरनाक से खतरनाक सांपों को वश में करने की कला जानने वाले रामबली की नाग के डसने से मौत हो गई. रामबली पकड़े हुए सांप को डिब्बे में बंद कर रहा था, उसी दौरान सांप ने उसकी उंगली में डस लिया. बताया जा रहा है कि जड़ी-बूटियों से सांप का जहर उतारने वाला खुद जड़ी-बूटी के चक्कर में काल के गाल में समा गया. जड़ी बूटी के इलाज के बाद उसे जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. इस मौत से जहां शहर वासी दुखी हैं तो वही स्थानीय लोगों ने सांप के डसने पर अस्पताल में इलाज कराने की नसीहत दे रहे हैं.
हरदोई जिले के रहने वाले स्नेक कैचर रामबली पिछले 20 वर्षों से लालपुल मोक्षधाम में रहकर शाहजहांपुर वासियों की सेवा कर रहे थे. शहर में किसी के भी घर में यदि सांप होता था तो उन्हें ही बुलाया था. चंद मिनटों में सांप को वश में कर उन्हें पकड़ कर जंगल में छोड़ने वाले रामबली की नाग के डसने से मौत हो गई. सांप पकड़ने में माहिर रामबली ने जड़ी-बूटी के जरिए पहले इलाज किया, लेकिन जब हालत बिगड़ी तो उसे जिला अस्पताल में भर्ती किया गया. लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. बीस साल से हजारों सांप पकड़कर जंगल में छोड़ना और सांप काटने का इलाज कर जिले में अपना नाम रोशन करने वाले रामबली की मौत से लोग दुखी हैं.
रामबली पिछले बीस साल से परिवार के साथ शाहजहांपुर के लालपुल मोक्षधाम पर रहकर शहर वासियों की सेवा कर रहे थे. बरसात के दिनों में शहर में किसी के भी घर में सांप निकलने पर रामबली को ही बुलाया जाता था. रामबली चंद मिनटों में ही सांप को वश में कर उसे जंगल में छोड़ देते थे. यही नहीं रामबली सांप काटे का जड़ी बूटी के जरिए इलाज भी करते थे. जड़ी बूटी की कला ही उनकी मौत का सबब बन गई. नाग के काटने पर उन्होंने भी अपनी जड़ी-बूटी को खाया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान मौत हो गई.