देहरादून: उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में अब तक शीतकालीन और ग्रीष्मकालीन अवकाश हुआ करता था, लेकिन अब मानसून अवकाश भी हुआ करेगा। इसकी अवधि दस दिन तक हो सकती है। उत्तराखंड में हर मानसून सीजन में खूब तबाही मचती है। बारिश की वजह से सड़कें बंद हो जाती हैं, नदियां उफान पर रहती हैं। स्कूली छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा को देखते हुए कई बार स्कूलों की छुट्टी करनी पड़ती है। इस मानसून काल में भी अब तक कई बार विद्यालयों की छुट्टी घोषित की जा चुकी है। मानसून के दौरान छात्रों और शिक्षकों को होने वाली समस्याओं को देखते हुए ही मानसून अवकाश शुरू करने का निर्णय लिया गया है। बीते दिनों राजधानी में राजकीय शिक्षक संघ के साथ हुई बैठक में शिक्षा मंत्री के सामने एक महिला पदाधिकारी ने मानसून में अवकाश घोषित करने का मुद्दा रखा था।
जिस पर शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि इसका दायरा 10 दिन रखा जा सकता है। शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि मानक के अनुसार 1 वर्ष में कम से कम 220 दिन तक स्कूल में पढ़ाई होनी चाहिए। मानसून के दौरान अक्सर विद्यालयों में अवकाश रखना पड़ता है। छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा के लिहाज से ये बेहद जरूरी है। इसलिए अब सरकार ने प्रदेश में मानसून अवकाश लागू करने का निर्णय लिया है। साथ ही मानसून अतिवृष्टि की अवधि तय करने के लिए मौसम विभाग से भी मदद ली जाएगी, ताकि अवकाश का सही समय पर उपयोग किया जा सके। मानसून अवकाश घोषित होने से पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों-शिक्षकों को राहत मिलेगी। उन्हें अपना जान जोखिम में डालकर स्कूल नहीं जाना पड़ेगा।