नई दिल्ली: किसी शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश चाहिए या ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना है, मतदाता सूची में नाम दर्ज कराना है या आधार कार्ड बनवाना है अथवा इनसे इतर विवाह का पंजीकरण कराना है या सरकारी नौकरी हासिल करनी है, अब आपका जन्म प्रमाणपत्र एकल दस्तावेज के रूप में मान्य होगा। बीते सोमवार को राज्यसभा ने भी जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2023 को ध्वनि मत से मंजूरी दे दी।
लोकसभा से पहले ही पारित हो चुकी है विधेयक
लोकसभा इस विधेयक को एक अगस्त को पहले ही पारित कर चुकी है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सदन में विधेयक पर हुई संक्षिप्त चर्चा का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969, जन्म एवं मृत्यु के मामलों के पंजीकरण के नियमन को लेकर अमल में आया था। इसमें तब से अब तक कोई संशोधन नहीं किया गया है।
क्या बोले गृह राज्य मंत्री?
उन्होंने कहा कि वक्त बदलने के साथ-साथ सामाजिक परिवर्तन आए हैं और तकनीकी रूप से भी काफी प्रगति हुई है। इसलिए इसे आज के समय और तकनीक के हिसाब से बनाने की जरूरत है। जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2023 पंजीकृत जन्म और मृत्यु का एक राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय डाटाबेस बनाने में मदद करेगा। इससे अन्य डाटाबेस को भी अपडेट करने में मदद मिलेगी।
सरल होगा जन्म एवं मृत्यु के प्रमाणपत्र का पंजीकरण
उन्होंने कहा कि इस विधेयक के संबंध में राज्यों, संबंधित मंत्रालयों एवं विभागों से व्यापक परामर्श किया गया तथा आम लोगों से भी राय ली गई। उन्होंने कहा कि इस विधेयक से जन्म एवं मृत्यु के प्रमाणपत्र का पंजीकरण सरल हो जाएगा, मानवीय हस्तक्षेप कम हो जाएगा और यह डिजिटल होगा। उन्होंने कहा कि यह ऐसा प्रमाण पत्र होगा जो विभिन्न कार्यों में मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न आपदा के पीडि़तों एवं उनके परिवारों को भी इससे फायदा होगा।