देहरादून: पूर्व सीएम हरीश रावत ने पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत के कमीशनखोरी पर दिए बयान पर भाजपा को चुनौती देते हुए घेरा। सोमवार को राजीव भवन में नेहरू जयंती कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद मीडिया से बातचीत में रावत ने कहा कि, भाजपा के भ्रष्टाचार की अनंत कथाएं हैं। आम जनता इससे पीड़ित है ही। अब तो चौकीदार भी डरते डरते चोर-चोर चिल्लाने लगे है। जब सरकार के लोग ही भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करने के बजाए चिंता जाहिर करने लगेंगे तो रोक लगाएगा कौन? रावत ने कहा कि कांग्रेस की सरकारों पर यदि भाजपा भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है तो वो जांच करें। जो भ्रष्टाचारी है, उसे पकड़ें और दंड दें। भला रोका किसने है? इस प्रदेश में पिछले छह साल से भाजपा की ही सरकार है तो कार्रवाई क्यों नहीं की गई? ऐसा तो नहीं सारे चोर भाजपा की ही रसोई में बैठे हों, इसीलिए कार्रवाई नहीं की जा रही है? सहकारी बैंक भर्ती घपले में जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई न होने के लिए भी रावत ने सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत पर भी परोक्ष निशाना साधा। कहा कि, यदि दंड देने वाले हाथ ही कांपने लगेंगे तो भ्रष्टाचार पर कैसे रोक लगेगी।
एसआईटी दफ्तर पर धरना देंगे रावत
रावत ने अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण एक वीआईपी का नाम बार बार आया है कि जिसके लिए अंकिता से सेवाएं मांगी जा रही थी। यदि सिस्टम उस वीआईपी का नाम सामने नहीं ला पा रहा है तो इसका सीधा सीधा मतलब है कि सिस्टम उन लोगों से मिला हुआ है।
छोटी सोच वाले करते हें नेहरू का विरोध
रावत ने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू ने आधुनिक भारत की बुनियाद रखी थी। देश-समाज के विकास का कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है, जिसकी मजबूत बुनियाद उन्होंने न रखी हो। पंडित नेहरू ही भव्य भारत रखने की आधारशिला रखी थी। लेकिन कुछ ताकते और तत्व ऐसे भी हैं, जिनके पास ऐसी समझ नहीं है। देश-समाज के विकास, भाईचारे से उनका कभी ताल्लुक ही नहीं रहा। इसलिए वो समय समय पर विभिन्न माध्यमों से नेहरू की छवि पर हमला करने की कोशिश करते हैं।