दून नगर निगम की बोर्ड बैठक में 25 प्रस्तावों पर लगी मुहर, स्मार्ट सिटी के काम पर नाराज हैं पार्षद !

खबर उत्तराखंड

देहरादून: नगर निगम परिसर में बोर्ड बैठक का आयोजन किया गया. बैठक की शुरुआत में सभी पार्षदों ने स्मार्ट सिटी के काम पर नाराजगी जताई. वार्डों में पड़े अधूरे कामों पर भी बोर्ड में मौजूद अधिकारियों को अपनी समस्या बताई. हालांकि बोर्ड बैठक की अध्यक्षता कर रहे मेयर ने पार्षदों की समस्याओं का निस्तारण बोर्ड बैठक में किया.

इसके बाद बोर्ड बैठक में 26 प्रस्तावों पर चर्चा की गई. इनमें से 25 प्रस्तावों पर सबकी सहमति मुहर लगाई गई. एक प्रस्ताव जोकि डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन और यूजर चार्जेस वसूलने के लिए स्वयं सहायता समूह की सहायता लिए जाने से संबंधित था उसकी चर्चा की गई. इसमें सबकी सहमति के बाद इस प्रस्ताव पर एक समिति का गठन किया गया. वहीं 25 प्रस्तावों में मुख्य प्रस्ताव रोमानिया के शहर पियात्रा नीम्त (Piatra Neamt) आरके बीच ट्विन ऑफ सिटीज प्रस्ताव की स्वीकृति मिली है.

नगर निगम द्वारा वेंडिंग जोन का निर्माण कराया जाएगा, जिसमें शौचालय, शेड और पेयजल आदि की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. ताकि लोगों को सुविधाओं के साथ-साथ रोजगार भी मिल सके. देहरादून शहर के सौंदर्यीकरण और आय के संशोधन में वृद्धि के लिए स्वच्छ दून और सुंदर दून के अंतर्गत नगर निगम के विभिन्न स्थानों पर पार्कों का निर्माण करते हुए ग्रीन स्पेस डेवलप किये जाएंगे. पार्क में अलग-अलग थीम जैसे कि योग पार्क, चिल्ड्रन पार्क, उत्तराखंड संस्कृति, देहरादून हेरिटेज फाउंडेशन पर आधारित होंगे.

स्ट्रीट लाइट के बल्ब हो रहे खराब

वहीं वर्तमान में वार्डों से लगातार स्ट्रीट लाइट खराब होने की शिकायतें आ रही हैं. बैठक में इस प्रस्ताव पर भी चर्चा की गई जिसमें नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत स्ट्रीट लाइट नेशनल प्रोग्राम के अंतर्गत 99 हजार लाइट ईईएलएल के माध्यम से लगाई गई हैं. प्रतिदिन काफी संख्या में बल्ब खराब हो रहे हैं, जिनकी शिकायतें लगातार मिल रही हैं. बरसात में लाइट खराब होने की शिकायत और अधिक बढ़ जाती है. वहीं दूसरी ओर नगर निगम को कार्य करने में भी असुविधा होती है.

स्ट्रीट लाइट रखरखाव आउटसोर्स से होगा

99,000 लाइटों में से करीब 65,000 लाइटें बेड स्विच पर लगी हुई हैं. बाकी लाइट यूपीसीएल द्वारा लगाए गए टाइमरों से संचालित हो रही हैं, जो आए दिन खराब रहती हैं. नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत कितनी लाइट खराब हैं और कितनी जल रही हैं, इसकी जानकारी नहीं मिल पा रही है. ऐसी स्थिति में लाइटों की मरम्मत और रखरखाव के कार्य को करने के लिए सेंट्रल कंट्रोल मॉनिटरिंग सिस्टम की स्थापना की जाएगी. इसके माध्यम से लाइटों की स्थापना और रखरखाव की कार्रवाई 5 से 7 साल के लिए आउटसोर्स को दी जाएगी. इस पर प्रति साल लगभग 7 से 8 करोड़ रुपए खर्च होंगे. इससे जहां एक ओर नगर निगम को लाइटों के संबंध में सभी जानकारी लोकेशन के साथ समय पर मिल पाएगी, दूसरी ओर इस कंपनी रखरखाव के लिए जिम्मेदार होगी.

नगर आयुक्त ने क्या कहा?

नगर आयुक्त मनुज गोयल ने बताया कि बोर्ड बैठक में 26 प्रस्तावों पर चर्चा की गई थी. इनमें से 25 प्रस्तावों पर सबकी सहमति से मोहर लगी है. साथ ही बोर्ड बैठक के दौरान पार्षदों की नाराजगी पर भी चर्चा की गई है. पार्षदों की जैसी भी समस्या है, उनको जल्द दूर किया जाएगा. इसको लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है.

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