बागेश्वर: अनुसूचित जाति विधानसभा उपचुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस ने रण तैयार कर लिया है। भाजपा ने 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। जिसमें मुख्यमंत्री समेत पूर्व मुख्यमंत्री और तमाम दिग्गज शामिल हैं। वहीं, कांग्रेस ने भी प्रदेश अध्यक्ष समेत पूर्व सांसद और अन्य जनप्रतिनिधियों को अलग-अलग क्षेत्रों में प्रचार की कमान सौंप दी है। ऐसे में विधानसभा उपचुनाव के रोमांचक रहने की स्थिति बन रही है। बीते 26 अप्रैल को कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास का निधन हो गया था। जिस पर उपचुनाव का बिगुल बच गया है। भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों ने नामांकन कर लिया है। दोनों पार्टियों ने नुमाइशखेत मैदान पर जन सभाएं भी आयोजित की। सभा में एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की वर्षात भी हुई। चुनाव बैतरणी पार करने के लिए वोटरों को रिझाने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है। फिलवक्त भाजपा और कांग्रेस में सीधा मुकाबला नजर आ रहा है।
इन मुद्दों पर जारी है बीजेपी-कांग्रेस का प्रचार
भाजपा जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विकास को लेकर जनता की बीच में है। वहीं, कांग्रेस मणिपुर से लेकर उत्तराखंड तक महिलाओं के साथ हुए उत्पीड़न, बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार के मुद्दों को लेकर चुनाव समर में है। नामांकन के बाद चुनाव प्रचार भी तेज हो गया है। पार्टी कार्यकर्ता गांव-गांव की खाक छान रहे हैं। अलबत्ता पांच सितंबर को मतदान और आठ को मतगणना के बाद ही जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा स्पष्ट हो सकेगा।
बीजेपी ने साधा कांग्रेस पर निशाना
कार्यकर्ताओं ने बदला पाला भाजपा और कांग्रेस में पाला बदल खेल भी चल रहा है। कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी रंजीत दास के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस भैरव नाथ टम्टा, गोपाल राम और कमल टम्टा को समर्थकों के साथ अपने पाले में ले आई। जबकि बीते दिवस मुख्यमंत्री की चुनावी सभा के दौरान कांग्रेस की सुनीता टम्टा समर्थकों के साथ भाजपा की हो गईं। इधर, उत्तराखंड क्रांति दल, समाजवादी पार्टी, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के प्रत्याशी भी ताल ठोक रहे हैं। -वर्जन- उपचुनाव में संगठन बेहतर काम कर रहा है। मुख्यमंत्री समेत 40 स्टार प्रचारक चुनाव प्रचार में उतारे गए हैं। निश्चित तौर पर सफलता भाजपा की झोली में जाएगी।
-राजेंद्र बिष्ट, चुनाव प्रभारी, भाजपा।
कांग्रेस ने महंगाई पर घेरा
भाजपा कार्यकाल से लोग परेशान हैं। महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, महिला उत्पीड़न आदि मुद्दों को लेकर उपचुनाव में प्रत्याशी को उतारा है। पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है। चुनाव कांग्रेस के पक्ष में जाएगा।
–करन माहरा। प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस।
भाजपा व कांग्रेस के प्रत्याशी घोषित होने के बाद उपचुनाव में दोनों ही दलों ने प्रचार व संपर्क तेज कर दिया है। भाजपा स्व.चंदन राम दास के निधन के बाद उनकी पत्नी को मौका मिलने को सहानुभूति के रूप में दिखाएगी। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी भी दो बार हुई हार के बाद एक मौका देने की मांग लेकर जनता के बीच पहुंच रहे हैं। भाजपा का संगठन मजबूत है तो कांग्रेस भी एकजुटता का दावा कर रही है। अनुसूचित जाति आरक्षित विधानसभा 2022 में हुए चुनाव में भाजपा प्रत्याशी स्व. चंदन राम दास 12,141 मतों के बड़े अंतर से जीते थे। उन्हें 32,211 मत मिले। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी रंजीत दास दूसरे स्थान पर रहे। उन्हें 20,070 मत मिले थे। लेकिन इस बार रंजीत भाजपा में शामिल हो गए हैं।
जबकि तीसरे नंबर पर आप के बसंत कुमार को 16,109 मत मिले थे। कांग्रेस ने उन्हें इस बार प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में भाजपा प्रत्याशी पार्वती दास को सहानुभूति मत मिलने का भरोसा है। वहीं, दो बार चुनाव हारे बसंत कुमार भी वोटरों से आस लगाए हुए हैं। अब आठ सिंतबर को परिणाम घोषणा पर सबकी नजर रहेगी। राजनीतिक जानकारों के अनुसार मत प्रतिशत का यदि आकलन किया जाए तो भाजपा और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला रहेगा।
2022 विधानसभा चुनाव के आंकड़े
2022 के विधानसभा चुनाव में सपा की लक्ष्मी देवी को 508 मत मिले। उनका वोट प्रतिशत 0.68 रहा। निर्दलीय बालकृष्ण को 1512 मत मिले और प्रतिशत 2.02 था। निर्दलीय दिनेश कुमार को 798 और 1.07 प्रतिशत, आम आदमी पार्टी से बसंत कुमार को 16109 और वोट प्रतिशत 21.57 रहा।
कांग्रेस के रंजीत दास को 20070 और मत प्रतिशत 26.88, भाजपा चंदन राम दास को 32,211 और मत प्रतिशत 43.14 था। निर्दलीय भैरव नाथ टम्टा को 1877 और मत प्रतिशत 2.51, जबकि बसपा प्रत्याशी ओम प्रकाश टम्टा को 722 वोट मिले और 0.97 प्रतिशत मत रहा।