मेरठ: मेरठ में शुक्रवार को एक पिता अपनी 2 साल की बच्ची का कटा पैर लेकर एसडीएम के पास पहुंच गया। वह फफक कर रोने लगा। कहा- साहब न्याय तो दे दो…क्या करूं मैं। इस पर SDM ने कार्रवाई का आश्वासन दिया। दरअसल, 15 अगस्त को मिलक गांव में आंगनबाड़ी केंद्र पर ध्वजारोहण के दौरान डोर खींचने के साथ पिलर गिर गया था। इस हादसे में 4 बच्चों समेत 6 लोग घायल हो गए थे। इसी दौरान, एक 2 साल की बच्ची का पैर गंभीर रूप से घायल हो गया था। बाद में इलाज के दौरान उसका पैर काटना पड़ा।
‘सही से निर्माण कराया होता तो पिलर नहीं गिरता‘
इसी बच्ची के पिता एसडीएम के पास पहुंचे। उन्होंने कहा, यह पिलर पूर्व प्रधान ने करीब पांच साल पहले बनवाया था। अगर इसका सही से निर्माण कराया गया होता तो, यह घटना नहीं होती। इस दौरान तमाम ग्रामीण मौजूद थे। ग्रामीणों ने एक जुट होकर कहा कि अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जबकि मामले को 4 दिन हो गए।
डोर खींचते ही गिर गया था पिलर
मिलक गांव में 15 अगस्त को आंगनबाड़ी केंद्र पर ध्वजारोहण का कार्यक्रम था। जहां पर आंगनबाड़ी केंद्र की छत पर रखे पिलर पर झंडा लगवाया गया था। वहां पर प्रियांशी (2) पुत्री कुलदीप, तेजस (18 माह) पुत्र सचिन, आर्यन (3) पुत्र रवि, रीयानश सैनी (2.6) पुत्र सचिन सैनी अपने स्वजन के साथ थे। जब आंगनबाड़ी कार्यकत्री बबीता ने ध्वजारोहण करने के लिए डोर खींची थी। तभी पिलर नीचे गिर गया था। जिसमें चारों मासूम सहित आंगनबाड़ी कार्यकत्री बबीता सैनी व सचिन भी घायल हो गए थे।
SDM के सामने फफक के रो पड़ा बेबस पिता
वहीं, प्रियांशी गंभीर घायल हो गई थी। घटना के बाद उसे मेरठ के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिसका उपचार के दौरान पैर काटा गया। शुक्रवार शाम को दर्जनों ग्रामीण और कुलदीप अपने बेटी प्रियांशी का कटा हुआ पैर लेकर तहसील परिसर में पहुंचे और एसडीएम पंकज प्रकाश राठौर से जांच कर कार्रवाई की मांग की।
एसडीएम ने कार्रवाई का दिया आश्वासन
एसडीएम पंकज प्रकाश राठौड़ ने आश्वासन दिया कि तहसील और पीडब्ल्यूडी की एक टीम गठित की जा रही है। वह पूरी बिल्डिंग की जांच करेगी। रिपोर्ट मिलने के बाद उसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही बच्ची का दिव्यांग प्रमाण-पत्र बनेगा और मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से सहायता दिलाने का आश्वासन दिया।
न्यूज़ सोर्स – दैनिक भास्कर