उज्जैन: उज्जैन में एक अजब मामला आया. किस्सा पति-पत्नी और वो का है. पहली पत्नी के रहते हुए पति ने दूसरी शादी कर ली. लेकिन पति न तो पहली पत्नी को छोड़ना चाहता है, न ही दूसरी से जुदा होना मंजूर है. पहली पत्नी भी पति से अलग नहीं होना चाहती. झगड़ा पुलिस परामर्श केंद्र तक पहुंच गया. मामला पेचीदा था. इसलिए पुलिस ने पति और पत्नी दोनों से पूछा कि वो क्या चाहते हैं. पति और पहली पत्नी दोनों ने कहा-हम तीनों साथ रहेंगे साथ मरेंगे. उनकी इच्छा के सामने पुलिस भी क्या करती.
उज्जैन शहर से 35 किलोमीटर दूर घटिया तहसील में रिश्तों की ये नयी कहानी लिखी गयी. यहां रहने वाले एक युवक की 15 साल पहले बामोरा निवासी महिला से शादी हुई थी. इस दौरान एक बच्चा भी हो गया. लेकिन जैसे-जैसे दिन बीतते गए वैसे-वैसे दोनों पति-पत्नी में विवाद होने लगे. एक दिन यह झगड़ा कोर्ट की देहलीज तक पहुंच गया. यहां दोनों ने कोर्ट में तलाक की अर्जी तक दे दी थी. इस बीच युवक ने दूसरी शादी कर ली. ये बात जैसे ही पहली पत्नी को पता चली तो वो लौट कर पति के पास आ गई क्योंकि उसे पति का दूसरी औरत के साथ रहना मंजूर नहीं था.
पति का बंटवारा
पहली पत्नी के घर आने पर दूसरी नाराज होकर अपने मायके चली गई. पहली पत्नी अपने पति को छोड़ना नहीं चाहती थी इसलिए इंदौर में साथ रहने लगी. लेकिन कुछ साल बाद दोनों में फिर लड़ाई झगड़ा होने लगा. पत्नी सामान लेकर उज्जैन पहुंच गई और महिला थाने में इसकी शिकायत का आवेदन दे दिया. महिला पुलिस ने पति को थाने बुलवाया और समझाइश देने का प्रयास किया. पहली पत्नी पति को छोड़ना नहीं चाहती थी और पति दूसरी पत्नी को. पुलिस ने परामर्श केंद्र का सहारा लेकर दोनों को वहां पहुंचा दिया. वहां परामर्श केंद्र ने पति-पत्नी को साथ बैठाकर बातचीत की. दोनों पत्नी पति को छोड़ने के लिए तैयार नहीं थीं और पति भी दोनों के साथ रहना चाहता था. अब हल ये निकला कि पति अब 15-15 दिन दोनों पत्नियों के पास रहेगा. और जो बच्चे हैं उसका खर्चा भी पति देगा.
तीनों राज़ी
ये फैसला इतना आसान नहीं था. पहली पत्नी के घर आने पर दूसरी नाराज होकर अपने मायके चली गई थी. पहली पत्नी पति को छोड़ना नहीं चाहती थी और पति दूसरी पत्नी को. आखिरकार मसला सुलझा और तीनों के बीच रजामंदी हो गयी.