CM धामी ने जापानी प्रतिनिधिमंडलों से की मुलाकात, आपदाओं को नियंत्रित करने की तकनीक पर हुई चर्चा

खबर उत्तराखंड

देहरादूनः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सीएम आवास में कृषि, ऑटो, वेलनेस, फार्मास्युटिकल आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों के संबंध में सहयोग के लिए जापानी प्रतिनिधिमंडलों के साथ चर्चा (Pushkar Singh Dhami meets Japan delegation) की. सीएम धामी ने जानकारी दी कि हमने प्राकृतिक आपदाओं को नियंत्रित करने के लिए तकनीकी सहयोग के बारे में भी चर्चा की. जापान ऑटो सेक्टर में दुनिया के अग्रणी देशों में है.टोयोटा, मित्सुबिशी, निसान और होंडा जापान की ही कार कंपनियां हैं जिनका दुनिया भर में बड़ा क्रेज है. दुनिया के टॉप वेलनेस सेंटर भी जापान में हैं. इसके साथ ही जापान कृषि में प्रयोगों के लिए भी जाना जाता है. कृषि और फार्मस्युटिकल में जापान की ख्याति दुनियाभर में है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री जापान की इन्हीं कलाओं का लाभ उत्तराखंड को दिलाना चाहते हैं.

जापान भूकंप की दृष्टि से दुनिया में सबसे संवेदनशील देश है. इसके बावजूद उसने भूकंप से निपटने के लिए जिस तरह की तकनीक विकसित की है, उसकी दुनिया मुरीद है. इन दिनों उत्तराखंड भी लगभग रोज ही भूकंप से थर्रा रहा है. ऐसे में जापानी तकनीक का उत्तराखंड को फायदा मिल सकता है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड भूकंप एवं आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है. आपदा प्रबंधन एवं भूकंपरोधी तकनीक के क्षेत्र में जापान राज्य को क्या सहयोग दे सकता है, इस दिशा में चर्चा की जा सकती है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में डिजास्टर मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट के लिए जापान से सहयोग लिया जाएगा. उत्तराखंड में पर्यटन, कृषि, हॉर्टिकल्चर के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं. इनको बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास भी किए जा रहे हैं.

सीएम ने कहा कि उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों की वैल्यू एडिशन कर मार्केटिंग में जापान से किस प्रकार का सहयोग लिया जा सकता है, इस ओर ध्यान दिया जाए. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के स्थानीय कल्चर एवं सांस्कृतिक विरासत से संबंधित जानकारी एवं अन्य अध्ययन के लिए जापान से कोई भी प्रतिनिधिमंडल उत्तराखंड आना चाहते हैं, तो उनका स्वागत है. राज्य द्वारा इसके लिए हर संभव सहयोग दिया जाएगा. कहा कि उत्तराखंड योग, आयुष, वेलनेस टूरिज्म के क्षेत्र में अग्रणी राज्य है. इन क्षेत्रों में जापान जो भी सहयोग की आवश्यकता होगी, वह दी जाएगी.

 

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