हिमालय दिवस की 14वीं वर्षगांठ आज, राज्यपाल और सीएम धामी ने दी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं, जानें, क्यों मनाया जाता है हिमालय दिवस?

खबर उत्तराखंड

देहरादून: सन 2010 में आज ही के दिन यानी 9 सितंबर को आधिकारिक तौर पर उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने हिमालय दिवस के रूप में घोषित किया था. हिमालय और पहाड़ की प्रकृति को बचाने और बनाए रखने के लिए हिमालय दिवस मनाने का लक्ष्य रखा गया था. तब से हर साल 9 सितंबर को हिमालय दिवस मनाया जाता है. इस मौके पर राज्यपाल गुरमीत सिंह और सीएम धामी ने लोगों को शुभकामनाएं दी.

सीएम धामी ने दी बधाई

सीएम धामी ने ट्वीट किया- सभी प्रदेशवासियों एवं प्रकृति प्रेमियों को हिमालय दिवस की शुभकामनाएं। अनेक जीवनदायिनी नदियों का उद्गम स्थल, विशिष्ट प्राकृतिक विविधता से परिपूर्ण, प्रकृति एवं ईश्वर के संगम रूपी आध्यात्मिक केन्द्र “हिमालय” हम सभी के लिए अमूल्य प्राकृतिक धरोहर है.

क्यों मनाया जाता है हिमालय दिवस?
हिमालय दिवस पर्वतराज के महत्व को बताने के लिए मनाया जाता है. हिमालय पर प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन, लगातार कटते पेड़ पौधे, सिमटते ग्लेशियर, सूखती नदियां और हिमालय तक पहुंचता प्रदूषण किसी भी हाल में रुके, इसके लिए हिमालय दिवस मनाया जाता है.

क्या है हिमालय?
हिमालय भारत समेत 7 देशों तक फैला है. लेकिन भारत के लिए इसका अत्यधिक महत्व है. हिमालय भारत में स्थित एक प्राचीन पर्वत श्रृंखला है. हिमालय की पर्वत श्रृंखलाएं शिवालिक कहलाती हैं. हिमालय आध्यात्मिक चेतना का केंद्र रहा है. भारत के साथ ही हिमालय पर्वत 7 देशों की सीमाओं में फैला है. भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नेपाल, भूटान, चीन और म्यांमार तक हिमालय विस्तृत है. दुनिया की सबसे बड़ी पर्वत श्रृंखला माउंड एवरेस्ट भी हिमालय का हिस्सा है.

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