देवरिया: ‘साहब, मैं अभी जिंदा हूं…’, ये शब्द हैं देवरिया के स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी राजेंद्र शुक्ला के, जो पिछले तीन महीने से अपनी ही सैलरी के लिए अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं. दरअसल, ट्रांसफर के बाद स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते जीवित राजेंद्र शुक्ला को सरकारी पोर्टल पर मृत घोषित कर दिया गया. जिससे उनकी सैलरी रुक गई. सैलरी फिर से पाने के लिए अब वो खुद को जीवित बताने और गड़बड़ी ठीक कराने में जुटे हुए हैं.
बता दें कि यह गड़बड़ी महऋषि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज, देवरिया के प्रशासन द्वारा की गई है. जिसका खामियाजा यहां से कार्यमुक्त होकर गोरखपुर के सदर अस्पताल में वार्ड मास्टर के पद पर कार्यरत राजेंद्र शुक्ला को भुगतना पड़ रहा है. इन्होंने मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव, स्वाथ्य विभाग, शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री तक को ई-मेल के जरिये अपनी शिकायत व पीड़ा दर्ज कराई है, लेकिन अभी समाधान नहीं निकला है.
कर्मचारी राजेंद्र शुक्ला को केवल देवरिया मेडिकल कॉलेज से रिलीव करना था लेकिन मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों ने पोर्टल के जरिये इस दुनिया से ही राजेंद्र शुक्ला को रिलीव कर दिया. अब इसमें सीएमओ, डॉक्टर राजेश झा और मेडिकल कॉलेज के प्रवक्ता डाक्टर एचके मिश्रा करेक्शन कराने की बात कह रहे हैं. उनका कहना है कि इसे जल्द से जल्द सही करा दिया जाएगा.
गौरतलब है कि जिला अस्पताल देवरिया (अब मेडिकल कॉलेज) में पिछले कई वर्षों से राजेंद्र शुक्ला विभिन्न विभागों में सिस्टर इंचार्ज के पद पर कार्यरत रहे. जब यहां मेडिकल कॉलेज खुला तो धीरे-धीरे जिला अस्पताल में कार्यरत कर्मचारियों को कार्यमुक्त किया जाने लगा. इसी क्रम में सिस्टर इंचार्ज के पद पर कार्यरत राजेंद्र को भी यहां से रिलीव कर दिया गया. इसके बाद उन्होंने निदेशालय में जॉइन किया, जहां से उनका ट्रांसफर गोरखपुर के सदर अस्पताल में वार्ड मास्टर के पद पर कर दिया गया.
राजेंद्र रोजाना डियूटी भी करने लगे लेकिन जब सैलरी लेने पहुंचे तो पता चला कि उन्हें तो दस्तावेजों में मृत दिखाया गया है. इसके कारण उनकी सैलरी ही नहीं आई है. यह लापरवाही मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल देवरिया द्वारा की गई. पोर्टल के साथ छेड़छाड़ कर राजेंद्र को मृत दिखा गया.
‘साहब, मैं अभी जिंदा हूं…‘
राजेंद्र शुक्ला ने कहा- मैं जिंदा हूं और जिला अस्पताल गोरखपुर में आज की डेट में कार्यरत हूं. साहब, महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज के दस्तावेजों में मुझे मृतक दिखा दिया है. 3 महीने से सैलरी नहीं मिली है. यह चौथा महीना चल रहा है.
इस पूरे मामले पर CMO ने बताया कि पोर्टल में जानकारी भरते समय कुछ तकनीकी गलतियां हुई हैं जिनके सुधार के लिए पत्र लिखा गया है. जांच टीम भी गठित की गई है. CMO ने कहा कि हाल ही में मैन्युअल बिल बनने लगा, उसमें कुछ लोग डेड दिखाई दे रहे हैं. जल्द ही उनकी डिटेल पोर्टल पर अंकित कर दी जाएगी तो फिर सब सही हो जाएगा. करेक्शन की कार्रवाई की जा रही है.