लोकसभा में महिला आरक्षण बिल हुआ पास, विधेयक का ओवैसी ने किया था विरोध, बताई ये बड़ी वजह…सुनें Video

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नई दिल्ली: लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पास हो गया है, बिल के पक्ष में 454 वोट पड़े। जबकि दो सांसदों ने इसके विरोध में वोट डाला। ऐसे में लोकसभा से ये बिल दो तिहाई बहुमत से आसानी से पास हो गया है। संसद में और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं को 33% आरक्षण देने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने नए संसद में इस बिल को लोकसभा में पेश किया था। इस बिल को ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ नाम दिया गया है। बता दें कि जहां इस बिल को लाने के बाद बीजेपी और कांग्रेस समेत कई पार्टियों के नेता इसके पक्ष में हैं। वहीं, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी इस बिल के विपक्ष में रहे। ओवैसी ने संसद में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान इस बिल का विरोध किया था। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण कानून के जरिए सभी महिलाओं को आरक्षण दिया जा रहा है तो ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं को आरक्षण क्यों नहीं दिया जा रहा है।

ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं को आरक्षण क्यों नहीं

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने नए संसद भवन में महिला आरक्षण कानून का विरोध करते हुए कहा, ‘अपनी पार्टी की ओर से मैं इस महिला आरक्षण कानून का विरोध करता हूं, क्योंकि कानून लाने का औचित्य यह सुनिश्चित करना है कि अधिक महिलाएं संसद और राज्य विधानसभाओं में निर्वाचित हों। यदि यही औचित्य है, तो उस औचित्य को ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं तक क्यों नहीं बढ़ाया गया, जहां इस ‘अगस्त सदन’ में उनका प्रतिनिधित्व न्यूनतम है।’

संसद में मुस्लिम प्रतिनिधित्व कम हो रहा

ओवैसी ने अपने भाषण के दौरान कहा कि यह सच है कि संसद में मुस्लिम प्रतिनिधित्व कम हो रहा है। पीएम ओबीसी हैं और संसद में सिर्फ 120 ओबीसी सांसद हैं। वहीं, 232 अपर कास्ट के सांसद हैं। ओवैसी ने कहा इस बिल को वंदना कहते हैं और रेप के आरोपियों को छोड़ा जाता है, महिलाएं लापता हो जाती हैं।

अर्जुन राम मेघवाल ने पेश किया था लोकसभा में बिल

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश किया था। इस बिल को आज सदन में चर्चा के बाद तिहाई बहुमत से पास कर दिया गया है। इस बिल के जरिए लोकसभा और राज्यों के विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान है।

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