नई दिल्ली : भारतीय रेलवे बोर्ड ने एक बड़ी घोषणा की है। ट्रेन हादसों के पीड़ितों के लिए राहत भुगतान (मुआवजा) में संशोधन किया है, जिसके तहत मौत के मामले में सहायता राशि 50,000 रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है। इसके साथ ही गंभीर चोट और साधारण चोट के मामले में भी मदद राशि को संशोधिता किया गया है।
यहां जानें मुआवजा राशि
जानकारी के मुताबिक, राहत भुगतान को आखिरी बार साल 2012 और 2013 में संशोधित किया गया था। ताजा संसोधन के तहत, मृत्यु के मामले में राहत सहायता राशि को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया गया है। इसके अलावा गंभीर चोट लगने की स्थिति में सहायता राशि 25,000 रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दी गई है। जबकि साधारण चोट की स्थिति में राशि को 5 हजार रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है।
रेलवे क्रॉसिंग पर हादसों के लिए भी मिलेगा मुआवजा
रिपोर्ट के अनुसार, संशोधित राहत राशि उन हादसों पर भी लागू होगी जो मानवयुक्त लेवल क्रॉसिंग गेट रेलवे के होते हैं। बताया गया है कि यदि दुर्घटना के कारण गंभीर रूप से घायल रेल यात्री यदि 30 दिनों से ज्यादा समय तक अस्पताल में भर्ती रहता है तो उसे प्रत्येक 10 दिन के बाद पैसों का भुगतान जारी किया जाएगा।
अस्पताल में भर्ती रहने पर मिलेगी ये रकम
दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं में यात्रियों की गंभीर चोटों के मामले में, जिसमें 30 दिनों से अधिक समय तक अस्पताल में भर्ती रहने की आवश्यकता होती है, प्रत्येक 10-दिन के अंतराल के बाद या छुट्टी पर, जो भी पहले हो, प्रति दिन ₹ 1,500 की अतिरिक्त राहत सहायता वितरित की जाएगी। इसी तरह से पांच महीने और छह महीने तक भर्ती रहने वाले घायलों के लिए भी भुगतान किया जाएगा।
रेलवे को दी गई थी ये जिम्मेदारी
रिपोर्ट में कहा गया है कि मानवरहित लेवल क्रॉसिंग पर दुर्घटनाओं में शामिल व्यक्तियों, या ओएचई (ओवरहेड उपकरण) इलेक्ट्रोक्यूशन से प्रभावित लोगों को कोई राहत भुगतान नहीं दिया जाएगा। बता दें कि 1989 के रेलवे अधिनियम ने ट्रेन से संबंधित दुर्घटनाओं और हादसों में यात्रियों की चोटों या मृत्यु के लिए मुआवजे की जिम्मेदारी दी गई है। अद्यतन राहत भुगतान पीड़ितों और उनके परिवारों को वित्तीय सहायता देने के लिए एक अतिरिक्त उपाय का प्रतिनिधित्व करते हैं।