दिल्ली : सीएम अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सीबीआई ने सीएम अरविंद केजरीवाल के शीश महल में प्रारंभिक जांच के आदेश दिए हैं। अब उनके आवास के निर्माण में हुए उल्लंघन की जांच सीबीआई करेगी। शीशमहल विवाद में एक बड़े घटनाक्रम में, केंद्रीय जांच ब्यूरो ने दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास के नवीनीकरण में पाई गई वित्तीय अनियमितताओं की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच कोई आपराधिक मामला नहीं है बल्कि आपराधिक जांच की शुरुआत है। अगर सीबीआई को सबूत मिले तो वह नियमित मामला या आपराधिक मामला दर्ज करेगी।
सीबीआई ने दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी से सीएम आवास के नवीनीकरण से संबंधित सभी दस्तावेज जमा करने को कहा है। एजेंसी ने सभी फाइलें 3 अक्टूबर तक जमा करने को कहा है। सीएम आवास की मरम्मत में फिजूलखर्ची हुई या वित्तीय अनियमितता, इसकी जांच अब सीबीआई ने शुरू कर दी है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने जांच मामले पर कही ये बात
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के राजमहल निर्माण घोटाले की सीबीआई जांच शुरू होने का स्वागत किया है। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कहा है कि इस जांच से जल्द ही पता चल जाएगा कि किसके निर्देश पर ऐसे निर्माणों के लिए टेंडर जारी करने के नियमों का उल्लंघन किया गया और साथ ही जांच से यह भी पता चलेगा कि किसके निर्देश पर पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने ऐसे भवन निर्माण के लिए छोटे-छोटे टेंडर जारी किए, जो एम.सी.डी. से मंजूरी प्राप्त किए बिना किया गया था और दिल्ली शहरी कला आयोग ने इसकी प्रस्तुत योजना को अस्वीकृत कर दिया था।
इसके अलावा, सीबीआई जांच से यह भी पता चलेगा कि सीएम के बंगले में उपयोग की जाने वाली फर्निशिंग सामग्री के अलावा भवन निर्माण सामग्री के साथ-साथ फर्श के पत्थर, लकड़ी के काम की दरों और गुणवत्ता को किसने मंजूरी दी थी। दिल्लीवासी सीबीआई जांच से जानना चाहते हैं कि केजरीवाल ने टाइप-7 की पात्रता से कहीं अधिक बड़ा बंगला कैसे बनवा लिया और कैसे एक मुख्य मंत्री के आवास में लाखों की टायलेट सीट एवं 8-8 लाख के पर्दे लगाये गये। पीडब्ल्यूडी चीफ इंजीनियर को सीबीआई इंस्पेक्टर का लैटर। सीएम हाउस में हुई कंस्ट्रक्शन से जुड़े मामले में ये तमाम दस्तावेज मांगे गए है ताकि सीबीआई प्रारम्भिक जांच को आगे बढ़ा सकें।