त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ CBI जांच के मामले में नया मोड़, उत्तराखंड सरकार SC से अपील वापस लेगी

खबर उत्तराखंड

देहरादून : उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच चल रही राजनीतिक रस्साकशी अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है. पुष्कर सिंह धामी सरकार ने रावत के खिलाफ सीबीआई जांच के मसले से खुद को अलग करने का फैसला लिया है. उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी उस अपील को वापस लेने का आग्रह किया है, जिसमे उसने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ सीबीआई जांच के उत्तराखंड  हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी.

तटस्थ भूमिका में रहना चाहती है राज्य सरकार

सूत्रों का कहना है कि उत्तराखंड सरकार इस मामले में तटस्थ भूमिका निभाना चाहती है. सरकार चाहती है कि फैसले के खिलाफ त्रिवेंद्र सिंह रावत की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट जो फैसला लेना चाहे ले, लेकिन उत्तराखंड सरकार की इस मामले में कोई भूमिका ना रहे.

मामला क्या है

दरअसल ये पूरा मामला उमेश शर्मा नाम के पत्रकार की ओर से लगाये गए आरोपों के बाद शुरू हुआ था. उमेश शर्मा ने आरोप लगाया था कि साल 2016 में झारखंड के  ‘गौ सेवा आयोग’ के अध्यक्ष पद पर एक व्यक्ति की नियुक्ति का समर्थन करने के लिए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घूस ली थी और इसके लिए रकम उनके  रिश्तेदारों के खातों में भी ट्रांसफर की गई था. उस वक्त त्रिवेंद्र सिंह भाजपा के झारखंड प्रभारी थे. इसके बाद उत्तराखंड सरकार ने जुलाई में उमेश शर्मा  के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी. इस एफआईआर को खारिज करवाने के लिए उमेश शर्मा ने उत्तराखंड हाई कोर्ट का रुख किया था

उत्तराखंड HC का आदेश क्या था

अक्टूबर 2020 में नैनीताल हाईकोर्ट ने जहां एक ओर उमेश शर्मा के खिलाफ दायर एफआईआर खारिज की. वहीं, दूसरी ओर त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ लगे आरोपों की सीबीआइ जांच का भी आदेश दे दिया. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा की मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ आरोपों की प्रकृति पर विचार करते हुए सच को सामने लाना उचित होगा. यह राज्य के हित में होगा कि संदेह दूर हो. इसलिए मामले की जांच सीबीआई करे.

SC पहले ही सीबीआई जांच पर रोक लगा चुका है

हालांकि इस आदेश को त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर हैरानी जताई थी कि हाई कोर्ट में दायर याचिका में त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ एफआईआर की मांग भी नहीं की गई, इसके बावजूद कोर्ट ने रावत का पक्ष सुने बिना उनके खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दे दिया

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *