देहरादून : उत्तराखंड में एक बार फिर से कैबिनेट विस्तार की चर्चा चल पड़ी है. धामी कैबिनेट में अनुसूचित जाति और ओबीसी कोटे से एक-एक विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है. कैबिनट में फिलहाल चार मंत्रीपद खाली पड़े हैं. शुरू में बागेश्वर उपचुनाव नतीजों की घोषणा के बाद मंत्रिमंडल विस्तार किए जाने की सुगबुगाहट थी. नतीजा आए हुए एक माह से ज्यादा का वक्त बीत चुका है. मंत्रिमंडल में सीट के दावेदारों की मुराद पूरी नहीं हुई. ऐसे में विधायकों की उम्मीदें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के संकेत से एक बार फिर बढ़ गई हैं. हरिद्वार और नैनीताल जिले को अभी तक धामी कैबिनेट में नुमाइंदगी नहीं मिली है.
कब होगा धामी कैबिनेट का विस्तार?
उम्मीद है कि धामी कैबिनेट में फेरबदल के बाद हरिद्वार और नैनीतल से एक-एक चेहरे को जगह मिल सकती है. 2022 के विधानसभा चुनाव में हरिद्वार जिले से बीजेपी को मात्र तीन सीट प्राप्त हुई थी. नैनीताल जिले की 6 विधानसभा सीटों में पांच पर बीजेपी का कब्जा है. एक सीट कांग्रेस के खाते में है. ऐसे में माना जा रहा है कि अब दोनों जिलों को धामी मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व मिल सकता है. कैबिनेट विस्तार की सबसे बड़ी वजह विपक्षी गठबंधन इंडिया की तरफ से उछाला गया ओबीसी का मुद्दा है.
मंत्रीपद की रेस में कौन चल रहा आगे?
ओबीसी समाज को ज्यादा प्रतिनिधित्व देने के लिए उत्तराखंड में दो ओबीसी कोटो से मंत्री बनाए जा सकते हैं. ऐसा होने पर हरिद्वार के रानीपुर से विधायक आदेश चौहान की किस्मत खुल सकती है. ओबीसी कोटे से आदेश चौहान को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. पूर्व कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास की मौत के बाद अनुसूचित जाति से एक विधायक को धामी कैबिनेट में जगह मिलना तय माना जा रहा है. मंत्रीपद की दौड़ में कई चेहरे शामिल हैं.
घनसाली के शक्तिलाल शाह, नैनीताल के सरिता आर्या और राजपुर रोड विधायक खजान दास मजबूत दावेदारों की लिस्ट में शामिल हैं. नैनीताल के भीमताल से विधायक राम सिंह कैड़ा, लाल कुआं से विधायक डॉक्टर मोहन सिंह बिष्ट, धर्मपुर विधायक विनोद चमोली, देवप्रयाग विधायक विनोद कंडारी के नाम की भी राजनीतिक गलियारों में चर्चा है. 15 अक्टूबर से नवरात्रि का पर्व शुरू हो रहा है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के बीच दो दिवसीय दौरे पर दुबई जाएंगे. लिहाजा मंत्रिमंडल के विस्तार की मुख्यमंत्री धामी की दुबई से वापसी के बाद होने की संभावना जताई जा रही है.