झांसी: बच्चों को स्कूल तक लाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है लेकिन कुछ बच्चे स्कूल नहीं आ पाते। इसके लिए सरकार ने शिक्षकों को घर भेजकर बच्चों और उनके माता-पिता को समझाने की भी कोशिश शुरू की। इसका नतीजा सकारात्मक तो रहा लेकिन आज भी कई बच्चे स्कूल नहीं आते या उनके माता-पिता आने नहीं देते। हालांकि एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें एक बच्चे के स्कूल न जाने पर शिक्षक सभी बच्चों को लेकर घर पहुंच गया और फिर सभी को एक कहानी सुनाई।
झांसी के बबीना ब्लॉक के लकारा प्राथमिक विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापक अमित वर्मा का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह अपने स्कूल के बच्चों के साथ एक घर के सामने हैं। बच्चों के साथ शिक्षक अमित वर्मा इसलिए एक घर पहुंचे हैं क्योंकि इस घर का एक बच्चा कई दिनों से स्कूल नहीं आ रहा था। वीडियो में वह कह रहे हैं कि बच्चा स्कूल नहीं आया तो हम लोग उसके ही घर आ गए। अब यही पढ़ाई होगी और बच्चे की मां सभी को खाना खिलायेंगी।
“गुरु का दर्जा भगवान से भी ऊपर होता है”
कहने को तो ये कहावत किताबी है, मगर कुछ शिक्षक अपने सराहनीय कार्य के ज़रिए इसका भौतिक रूप से एहसास कराते रहते हैं। झांसी के बबीना ब्लॉक के लकारा प्राथमिक विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापक अमित वर्मा ने ऐसी ही एक नज़ीर पेश की। क्लास के दो… pic.twitter.com/xZWMS5tpFb— SANJAY TRIPATHI (@sanjayjourno) October 3, 2023
‘यही होगी पढ़ाई, यही होगा खाना’
शिक्षक वीडियो में कह रहे हैं, ‘छात्रा मीणा और छात्र गजराज एक महीने से अधिक वक्त से स्कूल नहीं आ रहे हैं, इसी वजह से आज सारे बच्चे यहां आये हैं। इनकी मम्मी आज खाना खिलाएँगी और यही पढ़ाई होगी। तुम नहीं आये तो हम आपके घर पढ़ाने के लिए।’ इसके बाद शिक्षक अमित वर्मा एक कहानी सुनाकर स्कूल ना आने वाले बच्चों के माता-पिता को समझाने की कोशिश करते हैं।
शिक्षक ने सुनाई कहानी
अमित वर्मा के कहानी सुनाई, ‘ एक गांव में दो लोग थे, एक महिला और एक पुरुष। दोनों आंख से अंधे थे। जब वो खाना बनाते तो कोई जानवर घुसकर उनका खाना खा लेता था। गांव वालों ने सलाह दी की दरवाजे की चौखट पर बैठकर डंडा पटको, इससे जानवर नहीं आएंगे। कुछ दिन बाद उनको एक बेटा हुआ। वो एक दम ठीक था, उसकी आंखें भी थीं। वह बड़ा हुआ, कुछ दिन आबाद उसकी शादी हो गई और माता-पिता दुनिया से चल बसे।
‘जब इस लड़के की पत्नी खाना बनाती थी तो वह दरवाजे पर बैठकर डंडा पीटता था। पत्नी ने पूछा कि कुछ काम करने की जगह तुम ऐसा क्यों कर रहे हो? तो जवाब मिला कि मेरे पिता जी भी ऐसा ही किया करते थे। इस पर पत्नी ने जवाब दिया कि वो तो आंख से अंधे थे, तुम तो दिमाग से ही अंधे हो। अरे उनको दिखाई नहीं देता था इसलिए वो डंडा पीटते थे। हम दोनों को दिखाई देता है तो इसकी क्या जरूरत?’
शिक्षक अमित वर्मा ने आगे कहा कि ऐसा ही आप लोग सोचते हो, हम नहीं पढ़े तो हमारे बच्चे क्यों पढ़े? हम मजदूरी करते थे तो हमारा बच्चा भी मजदूरी करे। सरकार बैग, किताब सब दे रही है लेकिन उनको पढ़ने नहीं दे रहे। इतने सारे बच्चे पढ़ने आ रहे हैं ना? हम रोज आयेंगे आपके घर, अगर बच्चों को पढ़ने नहीं भेजा तो। सोशल मीडिया पर अमित वर्मा का यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है और लोग जमकर तारीफ कर रहे हैं।