देहरादून. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 12 अक्टूबर को प्रस्तावित उत्तराखंड दौरा कई महीनो में खास होने जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पिथौरागढ़ जिले के आदि कैलाश की यात्रा करेंगे. चमोली और पिथौरागढ़, उत्तराखंड के दो ऐसे जिले हैं जो चीन के साथ अपनी सीमाएं साझा करते हैं. प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री 12 अक्टूबर को उत्तराखंड आएंगे. इस दौरान पीएम अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ जिले में रहेंगे. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी काफी समय से कुमाऊं क्षेत्र के करीब पचास मंदिरों को “मानसखंड कॉरिडोर” से जोड़ने के प्रोजेक्ट में जुटे हुए हैं. इसी क्रम में प्रधानमंत्री मोदी का अल्मोड़ा जिले के जागेश्वर धाम में जाने का कार्यक्रम प्रस्तावित है. जागेश्वर धाम भारत के मुख्य शिवालयों में से एक है. इसकी मान्यता दूर-दूर तक फैली हुई है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आइडिया है कि बद्रीनाथ और केदारनाथ जैसे बड़े तीर्थ स्थलों के बाद पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों को जागेश्वर, नैना देवी, गोलज्यु – इस तरह के जो कुमाऊं के प्रसिद्ध देवस्थान हैं, उनसे भी जोड़ना चाहिए. इसी को लेकर मानसखंड कॉरिडोर की परिकल्पना की गई है. जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री पीएम जागेश्वर धाम में कुछ समय रहेंगे और वहां पूजा अर्चना करेंगे. मुख्यमंत्री धामी उत्साहित हैं कि पीएम के आने से उत्तराखंड को बड़ा कैनवास मिलेगा.
आदि कैलाश और सामरिक महत्व
जागेश्वर के बाद पीएम सीमांत जिला पिथौरागढ़ जाएंगे. भारत – नेपाल और चीन के त्रिकोणीय मानचित्र पर बसा पिथौरागढ़, आध्यात्मिक और सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. कोविड काल के बाद जो भारतीय यात्री तिब्बत स्थित कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने जाते थे, उस पर चीन ने रोक लगाई हुई है. पिथौरागढ़ जिले में ही आदि कैलाश की यात्रा भी होती है, जिसने पिछले तीन सालों में रफ्तार पकड़ी है. प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार पीएम आदि कैलाश के दर्शन करेंगे. पीएम ने पिथौरागढ़ की व्यास घाटी के भीतर बसे जोलिकांग के विस्मयकारी वैभव को देखने की इच्छा व्यक्त की है. अपने दौरे के दौरान मोदी, गुंजी से जोलिंगकोंग और आदि कैलाश व्यूपॉइंट तक दो किलोमीटर लंबी सड़क भी देश को समर्पित करेंगे.
पॉलिटिकल संदेश भी देंगे पीएम
प्रधानमंत्री की पिथौरागढ़ शहर में एक पब्लिक मीटिंग भी होनी है. इस मीटिंग के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने करीब महीना भर से जोर लगा रखा है. मीटिंग में पिथौरागढ़ के अलावा कुमाऊं रीजन के बागेश्वर, चंपावत, अल्मोड़ा जिलों से भी कार्यकर्ताओं को बुलवाया गया है. लोकसभा चुनाव में अभी कुछ महीने बचे हैं. बीजेपी नेताओं का मानना है कि प्रधानमंत्री के राजनीतिक कद के आगे कोई टिकता नहीं है. लिहाजा पब्लिक मीटिंग से पार्टी को जबरदस्त फायदा होगा और पार्टी के पक्ष में आने वाले चुनाव में माहौल बनेगा. गौरतलब है कि उत्तराखंड में पांच लोकसभा सीटें हैं और सभी 2014 से लगातार बीजेपी के पास हैं. इसी तरह से पिछले दो विधानसभा चुनावों में पार्टी लगातार जीतती रही है.