देहरादूनः उत्तराखंड में मदरसों की मिल रही लगातार शिकायतों के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कड़ा एक्शन लेते हुए राज्य के सभी मदरसों के सत्यापन के निर्देश जिलाधिकारियों को दिए हैं. साथ ही सत्यापन के दौरान अनैतिक कार्य पाए जाने पर सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा है. दूसरी तरफ वक्फ बोर्ड का कहना है कि उत्तराखंड के तमाम मदरसों को वक्फ बोर्ड के अंतर्गत आना चाहिए.
उत्तराखंड की धामी सरकार मदरसों से आ रही शिकायतों के बाद एक्शन में है. बीते दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में संचालित तमाम मदरसों के जांच के आदेश दिए हैं. जबकि इस सबके बीच अब वक्फ बोर्ड के बयान हैरत में डाल दिया है. उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स का कहना है कि मुख्यमंत्री धामी की कार्रवाई स्वागत योग्य है. सभी मदरसों का सत्यापन होना ही चाहिए. उन्होंने बयान में आगे सरकार से मांग करते हुए सभी मदरसों को वक्फ बोर्ड के अधीन लाने के लिए कहा है.
मदरसा बोर्ड के संपत्ति की जांच की मांग
शादाब शम्स ने नैनीताल की घटना को निंदनीय बताया और कहा कि वह आज ही मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से मांग करेंगे कि जो भी संपत्ति मदरसा बोर्ड ने चंदे से अर्जित की है या फिर चंदे से जिन बच्चों को पढ़ाया जा रहा है, उसकी जांच हो साथ ही उस संपत्ति को वक्फ बोर्ड के अंदर लाया जाए.
प्राइवेट मदरसों को वक्फ बोर्ड में दर्ज करने की मांग
वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि ऐसी संपत्ति जो आधे से ज्यादा चंदे से अर्जित की गई है, उसे वक्फ बोर्ड के अधीन लाना चाहिए. शम्स ने मदरसा बोर्ड पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हाल में जो नए मदरसे बने हैं, उनकी रजिस्ट्री व्यक्तिगत रूप से अपने नाम पर की जा रही है. जबकि चंदे से मिले रुपयों को वक्फ बोर्ड के अधीन लाना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि मदरसा बोर्ड केवल कमाई का अड्डा बना हुआ है. वक्फ बोर्ड ने सरकार से मांग की है कि राज्य में जितने भी प्राइवेट मदरसे चल रहे हैं. उन सभी को वक्फ बोर्ड में दर्ज किया जाना चाहिए.