एटा: यूपी के एटा में एक अजब- गजब मामला सामने आया है। एक भिखारी गांव-गांव जाकर भीख में आटा मांगकर लाता था और उसे आसपास के ही छोटे दुकानदारों को बेच देता था। इसके बदले उसे रुपये मिल जाते थे। यह सिलसिला काफी समय से चलता रहा। आटा खरीदने वाले धीरे-धीरे भिखारी से उधार करने लगे। उधारी बढ़ती गई और ऐसा नौ दुकानदारों ने करते हुए भिखारी के आटे की रकम 50 हजार रुपये का आंकड़ा पार गई। अब भिखारी की उधारी फंसी तो उसने प्रशासन का दरवाजा खटखटाया है। उसके शिकायत पत्र पर जांच कराई जा रही है।
यह मामला बुधवार को डीएम कार्यालय पर सामने आया है। बुधवार को अमांपुर के गांव नगला इंद्रजीत के निवासी रामू दोपहर के समय शिकायत लेकर कलक्ट्रेट पहुंचा। रामू अमांपुर के नगला इंद्रजीत में स्थित अपनी झोपड़ी में रहता है। उसने बताया कि भीख मांग कर गुजारा करता है। कस्बाई व ग्रामीण क्षेत्रों में घरों से लोग उन्हें आटा दान करते हैं। वह ज्यादा आटे को दुकानदारों को बेच देता है। उसने अमांपुर क्षेत्र के डेढ़ दर्जन दुकानदारों दो वर्षों में 53500 रुपये का आटा बेचा है। जब वह आटे की धनराशि मांगने जाता है। तो दुकानदार इनकार कर देते हैं। अमांपुर कोतवाली में उसने उधारी को लेकर शिकायत की, लेकिन इस पर कोई सुनवाई नहीं हुई।
रामू शिकायत लेकर डीएम सुधा वर्मा से मिलने पहुंचा, लेकिन उनकी मुलाकात उनसे नहीं हो पाई। जिसके बाद कलक्ट्रेट में मौजूद अधिकारियों ने उनके शिकायती पत्र को अमांपुर पुलिस को जांच के लिए भेज दिया है। अमांपुर पुलिस अब इस मामले में जांच कर कार्रवाई करेगी।
कोतवाल अमांपुर यतेंद्र कुमार ने बताया कि मैंने अभी कोतवाली का चार्ज संभाला है। मुझसे पीड़ित व्यक्ति नहीं मिला है। अब व्हाटसएप पर वह शिकायती पत्र मिला है। जो रामू ने जिलाधिकारी कार्यालय में दिया है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है। जांच कर कार्रवाई की जाएगी।