देहरादून: लोक संस्कृति ऐपण कला को बढ़ावा देने के लिए संस्कृति, साहित्य एवं कला परिषद की ओर से ऐपण महोत्सव शुरू किया गया। महोत्सव के शुभारंभ पर वीडियो संदेश में मुख्यमंत्री धामी ने 15 अक्तूबर से 12 नवंबर को दीपावली तक ऐपण महोत्सव बनाने का आह्वान किया। कहा, सामूहिक प्रयास से ऐपण कला को वैश्विक पटल पर पहचान मिलेगी। रविवार को हरिद्वार बाईपास स्थित उत्तराखंड संस्कृति साहित्य कला परिषद के सभागार में ऐपण महोत्सव के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री धामी नहीं पहुंच पाए। वीडियो संदेश में सीएम ने कहा कि ऐपण कला लोक संस्कृति की विधा है। परिवार की सुख समृद्धि के लिए घर की दीवारों और देहरियों पर ऐपण बनाया जाता है।
सरकार का प्रयास है कि इस कला को देश दुनिया तक पहुंचाया जाए। इसके लिए सामूहिक प्रयास से ऐपण को नई पहचान मिलेगी। उन्होंने आह्वान किया दीपावली तक ऐपण हर घर का हिस्सा बने। इसके लिए लोग अपने घरों पर ऐपण बना कर परिवार के साथ सेल्फी को सोशल मीडिया पर अपलोड करें। संस्कृति, साहित्य एवं कला परिषद की उपाध्यक्ष मधु भट्ट ने कहा कि दीपावली तक पूरे प्रदेश में ऐपण महोत्सव बनाया जाएगा। उत्तराखंड की लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए युवा पीढ़ी भी अपनी गढ़वाल, कुमाऊंनी, जौनसारी बोली को बोलें। युवाओं को ऐपण कला से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।
कलाकारों ने देव स्तुतियों से समा बांधा
कार्यक्रम में कलाकारों ने नवरात्र के पहले दिन देव स्तुतियों और गीतों से समा बांधा। ज्योति उप्रेती, कथक नृत्यांगना ईला पंत, जौनसारी सांस्कृतिक दल ने प्रस्तुति दी।
28 साल से ऐपण कला बना रहे शमशाद
शमशाद मूल रूप से उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले हैं, लेकिन वे बचपन से ही पिथौरागढ़ में रह रहे हैं। ऐपण कला को पेशा बनाया है। अब तक 300 से अधिक उत्पादों पर ऐपण कला बना चुके हैं।
ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, विधायक सविता कपूर, खजान दास, उमेश शर्मा काऊ, महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल, बीस सूत्रीय कार्यक्रम के अध्यक्ष ज्योति प्रसाद गैरोला, उत्तराखंड राज्य सलाहकार श्रम बोर्ड के अध्यक्ष कैलाश पंत, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष आरके जैन, बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, पद्मश्री बसंती बिष्ट, नगर निगम देहरादू के मेयर सुनील उनियाल गामा, ऋषिकेश के मेयर अनिता ममगाईं, स्वामी ललिता नंद गिरी महाराज, अमनदीप महाराज मौजूद थे।