खुद की जगह पति को टिकट मिलने पर भड़कीं कांग्रेस विधायक ! बोलीं- यह ठीक नहीं…

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अलवर: चुनावी मौसम में राजस्थान के अलवर की रामगढ़ सीट से पति को टिकट मिलने पर महिला विधायक के नाराज होने का मामला सामने आया है. खुद का टिकट कटने से नाराज महिला विधायक ने यह तक कह दिया है कि उनका टिकट काटकर पार्टी ने ठीक नहीं किया. बता दें कि रामगढ़ विधानसभा से साफिया खान विधायक हैं. इस बार कांग्रेस ने उनकी जगह उनके पति जुबेर खान को चुनावी मैदान में उतारा है. ऐसे में साफिया खान की नाराजगी साफ नजर आ रही है.

हालांकि, इस मामले पर अब तक जुबेर की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. जुबेर को प्रियंका गांधी का करीबी बताया जाता है. कांग्रेस के कार्यक्रम के चलते जुबेर इस समय दिल्ली में हैं. दरअसल, रामगढ़ सीट पर हिंदू बना मुस्लिम का चुनाव होता है. यह सीट मेवात क्षेत्र में आती है. इस सीट पर भाजपा की तरफ से पहले ज्ञान देव आहूजा को लंबे समय तक उतारा गया, जो हमेशा जीतते भी रहे, लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में ज्ञान देव आहूजा की टिकट काटकर सुखवंत सिंह को प्रत्याशी बनाया गया. ऐसे में कांग्रेस ने बाजी मारी और सफिया खान बड़े अंतर से जीत गईं. अब देखना होगा कि भाजपा रामगढ़ में किसको टिकट देती है.

बीजेपी ने किया 124 उम्मीदवारों का ऐलान

विधानसभा चुनाव में भाजपा हो या कांग्रेस सभी को विरोध का सामना करना पड़ रहा है. भाजपा की दूसरी सूची आने के बाद अलवर शहर और थानागाजी विधानसभा सीट पर विरोध के स्वर नजर आने लगे हैं. राजस्थान में भाजपा ने अभी तक 124 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है. अलवर की थानागाजी विधानसभा सीट से बीजेपी ने हेमसिंह भड़ाना को उम्मीदवार बनाया है. ऐलान के बाद भाजपा कार्यकर्ता विरोध-प्रदर्शन करते हुए अपने ही प्रत्याशी का पुतला फूंक चुके हैं.

अलवर सीट से उतरते आए हैं वैश्य कैंडिडेट

थानागाजी सीट से 2018 में हेमसिंह भड़ाना ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था. महंत प्रकाश दास और रोहिताश घांघल इस सीट पर दावेदारी कर रहे थे. ऐसे में पार्टी को खासा नुकसान होने की संभावना है. दूसरी तरफ अलवर शहर विधानसभा सीट से भाजपा ने संजय शर्मा को टिकट दिया है. अलवर विधानसभा सीट हमेशा से वैश्य सीट रही है. लेकिन दो बार से ब्राह्मणों को इस सीट पर भाजपा टिकट दे रही है.

माथुर और यादव के खिलाफ हुई नारेबाजी

बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने संजय शर्मा को टिकट दिया था और संजय शर्मा भारी अंतर से जीते भी थे. ऐसे में वैश्य समाज लामबंद है. वैश्य समाज में लगातार विरोध के स्वर नजर आ रहे हैं और समाज से जुड़े लोग बैठकें भी कर रहे हैं. इतना ही नहीं शहर के होप सर्कस पर लोग विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं. वरिष्ठ नेता ओम माथुर और भूपेंद्र यादव के खिलाफ जमकर नारेबाजी हो चुकी है. वैश्य समाज ने कहा है कि अगर कांग्रेस समाज से उम्मीदवार नहीं उतारेगी तो वैश्य समाज की तरफ से उम्मीदवार उतारा जाएगा.

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