देहरादून: 1 नवंबर को हुई बैठक के बाद प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग आरके सुधांशु ने 2 नवंबर को प्रदेश में मौजूद सभी मोटर पुलों का सेफ्टी ऑडिट करने का आदेश दिया था. जिसकी समय सीमा 3 हफ्ते की रखी गई थी, लेकिन क्या सेफ्टी ऑडिट पूरा हुआ है, यह अपने आप में बड़ा सवाल बना हुआ है. बीते दिनों गुजरात में हुए मोरबी पुल हादसे के बाद सबक लेते हुए उत्तराखंड शासन ने प्रदेश की सभी मोटर पुलों के सेफ्टी ऑडिट को लेकर गंभीर चिंता जताई थी. वही प्रदेश में मौजूद कई ऐसे मोटर पुल भी है, जो बेहद पुराने हो चुके हैं या फिर वह जर्जर स्थिति में है. इसी को देखते हुए लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव आईएएस आरके सुधांशु ने 2 नवंबर को सभी मोटर पुलों का 3 सप्ताह के भीतर सेफ्टी ऑडिट करने का आदेश दिया था.
इस आदेश की समय अवधि 23 नवंबर को पूरी हो रही है, लेकिन अब तक सेफ्टी ऑडिट को लेकर लोक निर्माण विभाग में स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है. मामले को लेकर ईटीवी भारत ने लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष प्रमुख अभियंता एजाज अहमद से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि विभाग के प्रमुख सचिव ने प्रदेश के सभी मोटर पुलों के सेफ्टी ऑडिट को लेकर के 3 सप्ताह का समय दिया गया है. जिसको लेकर विभाग के सभी एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और सुप्रिडिंग इंजीनियर कार्रवाई कर रहे हैं.
उन्होंने बताया कि प्रदेश में चिन्हित जर्जर पुलों की संख्या सीमित है, लेकिन सेफ्टी ऑडिट प्रदेश के सभी मोटर पुलों का होना है. जिनकी संख्या तकरीबन 3 हजार के करीब है. इस संबंध में कार्रवाई गतिमान है.