चेन्नई में उद्योगपतियों से मिले सीएम धामी, पार्थसारथी मंदिर में की पूजा अर्चना, देखें Video और सुनें क्या बोले धामी…

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चेन्नई/देहरादून: उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के सिलसिले में चेन्नई पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि हमारी उत्तराखंड सरकार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के सिलसिले में लगातार लोगों से संपर्क कर रही है. हमने पहले दिल्ली में और बाद में इंग्लैंड के लंदन, बर्मिंघम, अबू धाबी और दुबई में इसी तरह का एक शिखर सम्मेलन (इन्वेस्ट उत्तराखंड) आयोजित किया था. अब हम यहां (चेन्नई) आए हैं और हम ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर लोगों से संपर्क कर रहे हैं. यहां भी हम लोगों से मिले हैं. हम कल यानी बुधवार को भी लोगों से मिले थे. सभी लोगों ने निवेश के लिए उत्तराखंड आने की बात कही है. हम आज और लोगों से भी बात करेंगे.

चेन्नई में उद्योगपतियों से मिले सीएम धामी

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को प्रमोट करने और निवेश के लिए उद्योगपतियों के विभिन्न समूहों से मुलाकात कर रहे हैं. चेन्नई में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभिन्न उद्योगपतियों से मुलाकात की और उत्तराखंड में निवेश को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न विषयों पर चर्चा की. मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई नई नीतियां बनाई गई हैं. ये नीतियों उद्योग फ्रेंडली हैं. उद्योग जगत से जुड़े लोगों के सुझावों को शामिल कर नीतियों में बदलाव भी किया जा रहा है.

सीएम धामी ने पार्थसारथी स्वामी मंदिर में की पूजा अर्चना

सीएम धामी आज यानी गुरुवार 28 अक्टूबर की सुबह चेन्नई के ट्रिप्लिकेन में पार्थसारथी स्वामी मंदिर पहुंचे. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्रिप्लिकेन के पार्थसारथी स्वामी मंदिर में पूजा अर्चना की. सीएम ने इस दौरान देश और प्रदेश की सुख, समृद्धि और विकास की कामना की.

क्यों विशेष है पार्थसारथी मंदिर?

चेन्नई का पार्थसारथी मंदिर छठवीं शताब्दी में बना वैष्णव मंदिर है. ये मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है. इस मंदिर के नाम का अर्थ महाभारत काल और पांडवों, श्रीकृष्ण से जुड़ा है. महाभारत के युद्ध में श्रीकृष्ण भगवान पार्थ यानी अर्जुन के सारथी थे. पार्थसारथी मंदिर अर्जुन के सारथी रहे श्रीकृष्ण की उसी भूमिका को बताता है. पार्थसारथी मंदिर का निर्माण पल्लव राजा नरसिंह वर्मन प्रथम ने करवाया था. इस मंदिर में भगवान विष्णु के पांच रूपों के प्रतीक योग नरसिम्ह, राम, गजेंद्र, वरदराजा, रंगनाथ और कृष्ण पार्थसारथी रूपों को दर्शाया गया है.

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