इंदौर: इंदौर में एचआईवी संक्रमित मरीज को पीटने के मामले में महाराजा यशवंतराव अस्पताल (एमवाईएच) के जूनियर डॉक्टर को निलंबित कर दिया गया. पीड़ित को थप्पड़ मारने का वीडियो सामने आने के बाद डॉक्टर के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है. सांवेर के पंचचिड़िया निवासी एक 45 साल के एसआईवी पीड़ित शख्स का सड़क हादसे में पैर फ्रैक्चर हो गया था. घायल को उज्जैन के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन गंभीर रूप से टूटी हड्डी के इलाज के लिए मरीज को उज्जैन से एमवायएच भेजा गया था.
देखें video:-
ये मध्यप्रदेश का अस्पताल है शिवराज चौहान जी इंदौर में MY।
यहाँ गरीब का इलाज माँ की गाली और थप्पड़ से होता है भाजपा राज में! pic.twitter.com/1IYNg7PWZf— Surendra Rajput (@ssrajputINC) October 28, 2023
इंदौर के एमवाईएच में जूनियर डॉक्टर आकाश कौशल इलाज शुरू होने से पहले मरीज या उसके परिजनों की तरफ से एचआईवी संक्रमण के बारे में नहीं बताए जाने से नाराज था. घटना के वीडियो में जूनियर डॉक्टर ड्रेसिंग टेबल पर लेटे मरीज को लगातार थप्पड़ मारता दिख रहा है और गालियां भी दे रहा है.
इस मामले में एमवायएच अधीक्षक डॉ. प्रमेंद्र ठाकुर ने कहा कि हड्डी रोग एवं ट्रॉमेटोलॉजी विभाग में पदस्थ जूनियर डॉक्टर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. मरीज के संग आए परिजन ने दावा किया, “हम मरीज को फ्रैक्चर के इलाज के लिए एमवायएच लाए थे. वह पहले से ही एचआईवी से संक्रमित है. एचआईवी संक्रमण के बारे में नहीं बताने पर जूनियर डॉक्टर ने उसकी पिटाई कर दी. जब मैंने दखल दिया तो मुझे भी मारा गया. पीड़ित परिवार ने इस घटना की शिकायत सीएम हेल्पलाइन में दर्ज कराई है. ठाकुर ने बताया कि एमवायएच शहर के सरकारी महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज से संबद्ध है. डीन डॉ. संजय दीक्षित ने मामले की जांच करने और तीन दिनों में रिपोर्ट देने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है.
AIDS मरीज से भेदभाव पर जुर्माना और सजा
डॉक्टरों को लोग धरती का भगवान कहते हैं और डॉक्टर द्वारा किया गया ये बर्ताव किसी के गले नहीं उतर रहा है। एचआईवी एक्ट 2017 के तहत इस बीमारी से पीड़ित मरीज से गलत बर्ताव और भेदभाव करने पर 3 महीने से लेकर 2 साल तक की जेल या एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. मतलब इस तरह के मरीजों से भेदभाव अपराध माना जाएगा. साथ ही एचआईवी पॉजिटिव शख्स तब अपना स्टेटस उजागर करने पर मजबूर होगा, जब इसके लिए कोर्ट का ऑर्डर लिया जाएगा.