देहरादून : उत्तराखंड सरकार ने राजधानी देहरादून में 400 करोड़ रुपये की कीमत के काबुल हाउस को खाली कराने के लिए गुरुवार को टीमें भेजीं. जिला प्रशासन की टीम ने काबुल हाउस क्षेत्र में रह रहे लगभग 15 परिवारों को खाली कराने की प्रक्रिया शुरू की. सरकार इसे शत्रु संपत्ति घोषित कर चुकी है और इसके बाद करीब 40 सालों से यहां रह रहे परिवारों के साथ अदालती विवाद चल रहा था. देहरादून डीएम कोर्ट ने दो हफ्ते पहले अपने आदेश में इसे 15 दिन के भीतर खाली कराने के निर्देश दिए थे. हालांकि परिवारों ने इसका तीखा विरोध किया है.
कहा जाता है कि अफगानिस्तान के शासक मोहम्मद याकूब खान का 19वीं और 20वीं में इस काबुल हाउस पर मालिकाना हक था. पॉश इलाके ईसी रोड पर स्थित काबुल हाउस में अफगानी शाही परिवार के लोग विभाजन के बाद देश छोड़कर चले गए थे और पाकिस्तान में जाकर बस गए थे. 19 बीघा में फैले इस इलाके में तब से कुछ परिवार रह रहे थे.
देहरादून की डीएम सोनिका मीना ने मामले की लंबी सुनवाई के बाद वहां रह रहे 17 परिवारों को परिसर खाली करने का आदेश दिया था. मीना ने आदेशमें कहा था कि दस्तावेजों से यह स्पष्ट है कि जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा किया गया. यहां रह रहे लोगों ने सरकार को किराया देने या मालिकाना हक संबंधी कोई दस्तावेज अभी तक नहीं सौंपा है.
डीएम ने इतने लंबे समय से यहां कब्जे को लेकर कब्जेदारों पर बकाया राशि का आकलन करने और मालिकाना हक के फर्जी दस्तावेज पेश करने को लेकर कार्रवाई का आदेश भी दिया है. हालांकि पीड़ित पक्ष के वकील का कहना है कि यह विवादित भूमि दो हिस्से हैं. इसके खुले हिस्से को पहले ही निजी भूमि घोषित किया जा चुका है. इसका मामला हाईकोर्ट में लंबित है. लेकिन डीएम इसे शत्रु संपत्ति बताकर खाली कराने का आदेश कैसे दे सकती हैं. जिला प्रशासन के पास बेदखली का आदेश देने का कोई अधिकार नहीं है.